रेपो रेट में कटौती: आपकी EMI पर प्रभाव और बचत के अवसर

रेपो रेट में कमी का प्रभाव
भारतीय रिज़र्व बैंक ने इस वर्ष तीसरी बार ब्याज दरों में कमी की है। फरवरी 2025 में रेपो रेट को 6.50% से घटाकर 6.25% किया गया था। इसके बाद अप्रैल में 0.25% की कटौती हुई और अब जून में फिर से 0.50% की कमी की गई है। इस प्रकार, 2025 में अब तक कुल 1% की कमी हो चुकी है। यह ध्यान देने योग्य है कि रेपो रेट वह दर है जिस पर रिज़र्व बैंक बैंकों को उधार देता है। जब RBI यह दर घटाता है, तो बैंक अपने ग्राहकों को सस्ते दरों पर लोन देने लगते हैं, जिससे आपकी EMI कम हो सकती है।
20 लाख रुपये के होम लोन का उदाहरण
मान लीजिए आपने 20 लाख रुपये का होम लोन लिया है, जिसकी ब्याज दर 7% है। इस पर आपकी मौजूदा मासिक EMI लगभग 17,977 रुपये है। यदि ब्याज दर घटकर 6.5% या 5.5% हो जाती है, तो आपकी नई EMI लगभग 17,422 रुपये तक आ सकती है। इसका मतलब है कि हर महीने 555 रुपये की बचत होगी। इस तरह, साल भर में यह बचत 6,660 रुपये और 15 साल में एक लाख रुपये से अधिक हो सकती है।
आरबीआई गवर्नर का बयान
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में रेपो रेट में कटौती की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस कटौती का सीधा असर ग्राहकों की जेब पर पड़ेगा, जिससे होम और कार लोन की EMI कम हो जाएगी। वैश्विक बाजार की अनिश्चितता के आधार पर महंगाई का अनुमान 3.7 प्रतिशत रखा गया है। इसके साथ ही रिजर्व रेशियो को 4% से घटाकर 3% करने का निर्णय लिया गया है।
रेपो रेट, SDF और MSF रेट की जानकारी
रेपो रेट वह दर है जिस पर RBI बैंकों को पैसे उधार देता है। SDF रेट वह ब्याज दर है जिस पर बैंक बिना किसी सिक्योरिटी के अपनी अतिरिक्त नकदी को RBI में जमा कर सकते हैं। MSF रेट वह दर है जिस पर बैंक आपातकालीन स्थिति में अपनी सिक्योरिटीज को गिरवी रखकर RBI से अल्पकालिक ऋण ले सकते हैं। ये सभी दरें RBI की मौद्रिक नीति के महत्वपूर्ण उपकरण हैं।
छोटी कटौती का बड़ा असर
2025 में अब तक कुल 1% की कटौती हो चुकी है। यह कदम तब उठाया गया है जब RBI ने FY 2026 के लिए महंगाई दर का अनुमान घटाकर 3.7% कर दिया है, जबकि GDP ग्रोथ 6.5% पर बरकरार रखी है। हालांकि, EMI में बदलाव इस बात पर निर्भर करेगा कि आपका लोन फ्लोटिंग रेट पर है या फिक्स्ड रेट पर। अधिकांश होम लोन फ्लोटिंग होते हैं, जिससे उन्हें इसका सीधा लाभ मिल सकता है।
नए लोन लेने वालों के लिए अवसर
यदि आप पहले से लोन चुका रहे हैं या नया लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो यह समय आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। RBI का यह कदम आम लोगों के लिए राहत भरा साबित हो सकता है। EMI में कमी से आपकी जेब पर बोझ हल्का होगा और लंबे समय में यह एक अच्छी बचत में बदल सकता है।