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रेपो रेट में कटौती का होम लोन EMI पर प्रभाव

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा रेपो रेट में कटौती का सीधा असर होम लोन की EMI पर पड़ता है। यह लेख बताता है कि कैसे एक छोटी सी दर में कमी आपकी मासिक किस्तों को कम कर सकती है और आपको बड़ी बचत दिला सकती है। जानें कि आपको अपने बैंक से कब संपर्क करना चाहिए और किस प्रकार की प्रक्रियाएं अपनानी चाहिए।
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रेपो रेट और होम लोन EMI का संबंध

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में कमी का सीधा प्रभाव होम लोन की EMI पर पड़ता है। रेपो रेट वह दर है जिस पर बैंक RBI से धन उधार लेते हैं। जब यह दर घटती है, तो बैंक अपने ग्राहकों को सस्ते लोन प्रदान करने लगते हैं।

उदाहरण के लिए, यदि आपने ₹30 लाख का होम लोन 20 वर्षों के लिए लिया है और ब्याज दर 9% है, तो अगर RBI रेपो रेट को 0.25% कम कर देता है और बैंक इसका लाभ आपको देता है, तो आपकी ब्याज दर 8.75% हो जाएगी।

इससे आपकी EMI में लगभग ₹500 से ₹600 की मासिक बचत हो सकती है। पूरे लोन की अवधि में यह बचत ₹1.2 लाख से ₹1.5 लाख तक हो सकती है। यदि आपकी EMI पहले ₹27,000 थी, तो अब यह ₹26,400 से ₹26,500 के बीच हो सकती है। इससे आपकी वित्तीय स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और आप लंबे समय में अधिक राशि बचा सकेंगे।

हालांकि, सभी बैंक तुरंत इस कटौती को लागू नहीं करते हैं। इसलिए, आपको अपने बैंक से संपर्क कर नई दरों की जानकारी लेनी चाहिए। कुछ मामलों में, आपको लोन का रीसेट या री-नेगोशिएशन करवाना पड़ सकता है।

इसलिए, जब भी RBI रेपो रेट में कमी करता है, तो अपने लोन की EMI और ब्याज दर की समीक्षा करना न भूलें।