रेलवे ने वंदे भारत और शताब्दी ट्रेनों की सुरक्षा बढ़ाने की योजना बनाई
अंबाला में रेलवे की नई पहल
अंबाला। रेलवे ने 12 वंदे भारत और 12 शताब्दी ट्रेनों के सुरक्षित संचालन के लिए कदम उठाना शुरू कर दिया है। ये ट्रेनें 130 किमी प्रति घंटे की गति से चलती हैं, और रेलवे दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उपाय कर रहा है। इसके तहत उन स्थानों की पहचान की जा रही है, जहां बेसहारा गोवंश रेलवे ट्रैक पर आ जाते हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे स्थानों पर कांटेदार तार या दीवारें बनाने की योजना है ताकि गोवंश इन ट्रेनों से टकरा न सकें।
प्रीमियम ट्रेनों की संख्या में वृद्धि
अंबाला मंडल के वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक एनके झा ने बताया कि पिछले वर्ष में अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन से निकलने वाली प्रीमियम ट्रेनों की संख्या में वृद्धि हुई है। ये ट्रेनें 130 किमी प्रति घंटे की गति से चलने में सक्षम हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा के लिए कई योजनाएं बनाई जा रही हैं। इनमें संवेदनशील स्थानों पर कंटीली तारें लगाने और दीवारें बनाने का भी प्रावधान है।
तीन रेल खंडों में सुरक्षा आकलन
तीन रेल खंड में आकलन शुरू
अंबाला रेल मंडल में तीन प्रमुख रेल खंड शामिल हैं: अंबाला से सहारनपुर, अंबाला से सरहिंद, और अंबाला से कालका। इन खंडों में पहले भी गोवंश के कारण हादसे हो चुके हैं, लेकिन सौभाग्य से केवल वंदे भारत के इंजन को नुकसान हुआ था। इसके बाद रेलवे ने सभी रेल मंडल प्रबंधकों को निर्देश दिए कि वे प्रीमियम ट्रेनों की सुरक्षा के लिए योजनाएं तैयार करें ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।
अंबाला से चलने वाली प्रीमियम ट्रेनें
अंबाला से निकलने वाली प्रीमियम ट्रेनें
वर्तमान में, अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन से सात जोड़ी वंदे भारत और तीन जोड़ी शताब्दी ट्रेनों का संचालन हो रहा है। इनमें नई दिल्ली से कटरा के बीच चलने वाली ट्रेनें, नई दिल्ली से अमृतसर के बीच वंदे भारत ट्रेनें, और दिल्ली से अंब अंदौरा के बीच की ट्रेनें शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, नई दिल्ली से अमृतसर और कालका के बीच शताब्दी एक्सप्रेस का भी संचालन किया जा रहा है।
