रेलवे में चोरी की बढ़ती घटनाएं: यात्रियों के सामान की कमी

ट्रेनों में सामान की चोरी की alarming स्थिति
हिसार। यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे द्वारा प्रदान किए जाने वाले कंबल, बेडशीट और तकियों के कवर लगातार चोरी हो रहे हैं। बीकानेर मंडल में अप्रैल से जून के बीच हजारों आइटम गायब हो चुके हैं। इस अवधि में 2509 बेडशीट, 1050 पिलो कवर, 1127 तौलिये, 309 कंबल और 158 तकिए चोरी हो गए हैं।
चोरी के आंकड़े चौंकाने वाले
हिसार से आने-जाने वाली ट्रेनों में भी चोरी की घटनाएं बढ़ी हैं। यहां से लगभग 600 बेडशीट, 265 पिलो कवर, 300 तौलिये, 100 कंबल और 75 तकिए गायब हो चुके हैं। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि सफर खत्म होने के बाद सामान वापस लेने की जिम्मेदारी कोच अटेंडेंट की होती है, लेकिन बार-बार हो रही चोरी की घटनाओं के कारण स्टाफ की निगरानी बढ़ाई गई है। अधिकारियों ने बताया कि चोरी के कारण अटेंडेंट के वेतन से सामान की कीमत काटी जा रही है, जिससे कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ रही है।
अटेंडेंट की सैलरी पर असर
हिसार से चलने वाली एक ट्रेन की अटेंडेंट ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कई बार यात्री जल्दी में सामान वापस नहीं कर पाते, लेकिन अधिकतर मामलों में जानबूझकर चोरी की जाती है। खासकर कंबल और तौलिये सबसे ज्यादा गायब हो रहे हैं, क्योंकि ये सामान आसानी से घरों में उपयोग किए जा सकते हैं।
चोरी का जिम्मा अटेंडेंट पर
हर कोच में तैनात अटेंडेंट यात्रियों को ये सामग्री उपलब्ध कराते हैं और वापसी पर इकट्ठा करते हैं। लेकिन चोरी का जिम्मा उन्हीं पर डाल दिया जाता है। नियम के अनुसार, यदि सामान वापस नहीं होता है, तो उसकी कीमत अटेंडेंट की सैलरी से काटी जाती है। यही कारण है कि कई बार अटेंडेंट और यात्रियों के बीच बहस की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।