रेवाड़ी में आय सत्यापन न कराने वाले परिवारों के लिए चेतावनी

रेवाड़ी में परिवार पहचान पत्र की आय सत्यापन की आवश्यकता
रेवाड़ी समाचार, (रेवाड़ी) : रेवाड़ी जिले में परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) के तहत अपनी वार्षिक आय का सत्यापन न कराने वाले परिवारों को गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। यदि आपने अभी तक अपनी आय की पुष्टि नहीं की है, तो तुरंत परिवार पहचान पत्र पोर्टल पर सही जानकारी दर्ज करें। ऐसा न करने पर सरकार आपको गरीबी रेखा से बाहर कर सकती है और मध्यम वर्ग में शामिल कर सकती है। इसका अर्थ है कि राशन कार्ड और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ समाप्त हो सकता है।
5 हजार परिवारों को भेजा गया संदेश, 7 दिन का अल्टीमेटम
नागरिक संसाधन सूचना विभाग (सीआरआईडी) ने जिले के लगभग 5 हजार परिवारों को आय सत्यापन के लिए संदेश भेजे हैं। ये संदेश उन परिवारों को भेजे गए हैं, जिन्होंने अपनी आय की पुष्टि नहीं की या वार्षिक आय को शून्य दर्शाया है। ऐसे परिवारों को अब 7 दिन के भीतर सीएससी सेंटर या विभाग के माध्यम से आय सत्यापन के लिए आवेदन करना होगा। यदि सत्यापन नहीं किया गया, तो सरकार इन परिवारों की आय को अपने आप 1.80 लाख से 3 लाख रुपये के बीच दर्ज कर सकती है, जिससे गरीबी रेखा के तहत मिलने वाले सभी लाभ समाप्त हो जाएंगे।
सरकारी योजनाओं से अपात्रों की छंटनी
सीआरआईडी विभाग की जांच में यह पाया गया है कि रेवाड़ी में लगभग 5 हजार परिवारों ने परिवार पहचान पत्र में आय का सत्यापन नहीं कराया है। कुछ लोग जानबूझकर अपनी आय को शून्य दिखाकर या सत्यापन न कराकर सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। आईटी सेल ने इस संबंध में पूरी रिपोर्ट सरकार को सौंपी है, जिसके बाद सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। इसका उद्देश्य सही लाभार्थियों की पहचान करना और अपात्र लोगों को योजनाओं से बाहर करना है।
तुरंत करें आय सत्यापन, वरना लाभ बंद!
जिन परिवारों ने आय सत्यापित नहीं की या शून्य आय दिखाई है, उनके मुखिया के मोबाइल नंबर पर सीआरआईडी विभाग द्वारा संदेश भेजा जा रहा है। इन परिवारों को तुरंत सीएससी सेंटर या विभाग के माध्यम से आय सत्यापन के लिए आवेदन करना होगा। यदि सत्यापन के बाद आय सही पाई गई, तो राशन कार्ड और अन्य योजनाओं के लाभ जारी रहेंगे। लेकिन यदि आय अधिक पाई गई या सत्यापन के लिए आवेदन नहीं किया गया, तो सभी लाभ बंद हो जाएंगे। संदेश प्राप्त करने वाले परिवारों को 7 दिन के भीतर आय सत्यापन कराना अनिवार्य है।
दीपक चौहान, जिला प्रबंधक, नागरिक संसाधन सूचना विभाग, रेवाड़ी ने कहा कि यह कदम वास्तविक जरूरतमंदों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए उठाया गया है।