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रेवाड़ी में मेटल फैक्ट्रियों पर कार्रवाई: सीएम फ्लाइंग ने की सख्त कार्रवाई

सीएम फ्लाइंग की टीम ने रेवाड़ी में दो मेटल फैक्ट्रियों पर छापा मारा, जहां प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पहले ही बंद करने का नोटिस जारी किया गया था। कार्रवाई के दौरान बिजली कनेक्शन काट दिए गए। स्थानीय निवासियों ने समय पर कार्रवाई न होने पर सवाल उठाए। यदि फैक्ट्रियों ने आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए, तो आगे भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह मामला हरियाणा में औद्योगिक प्रदूषण की गंभीरता को उजागर करता है।
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रेवाड़ी में मेटल फैक्ट्रियों पर कार्रवाई: सीएम फ्लाइंग ने की सख्त कार्रवाई

सीएम फ्लाइंग की कार्रवाई

रेवाड़ी मेटल फैक्ट्री पर कार्रवाई: सीएम फ्लाइंग ने की सख्त कार्रवाई (रेवाड़ी मेटल फैक्ट्री कार्रवाई) सोमवार को चर्चा का विषय बनी, जब सीएम फ्लाइंग की टीम ने नसियाजी रोड पर स्थित दो मेटल फैक्ट्रियों पर छापा मारा। इनमें (उमराव इंटरप्राइजेज) और (सचिन मेटल फैक्ट्री) शामिल थीं। इस कार्रवाई के दौरान (बिजली निगम) ने दोनों फैक्ट्रियों के (बिजली कनेक्शन काट दिए)।


(प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) ने पहले ही इन फैक्ट्रियों को बंद करने का नोटिस जारी किया था, लेकिन इसके बावजूद ये फैक्ट्रियां चालू थीं। आरोप है कि फैक्ट्री संचालक (केमिकल युक्त पानी) को सीवरेज लाइन में छोड़ रहे थे, जिससे पर्यावरण को गंभीर नुकसान हो रहा था।


प्रदूषण पर सख्ती, स्थानीय विभागों की चुप्पी


रेड के दौरान (सीएम फ्लाइंग रेड) का नेतृत्व इंस्पेक्टर सत्येंद्र ने किया, जबकि (बिजली निगम) से जेई सतीश कुमार और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। जेई ने बताया कि नोटिस के बावजूद फैक्ट्रियां चालू पाई गईं, इसलिए तुरंत (बिजली कनेक्शन काटे) गए।


स्थानीय निवासियों ने सवाल उठाया कि जब (नगर परिषद), (प्रदूषण विभाग) और (दमकल विभाग) के कार्यालय पास में हैं, तो समय पर कार्रवाई क्यों नहीं होती? हर बार सीएम फ्लाइंग को हस्तक्षेप क्यों करना पड़ता है?


दस्तावेज न देने पर आगे भी होगी कार्रवाई


सूत्रों के अनुसार, इन फैक्ट्रियों को पहले ही दूसरी जगह शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन अब तक आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए हैं। यदि निर्धारित समय में दस्तावेज नहीं दिए गए, तो आगे भी (प्रदूषण पर कार्रवाई) की जाएगी।


यह मामला (हरियाणा औद्योगिक प्रदूषण) की गंभीरता को दर्शाता है। सरकार अब ऐसे मामलों में सख्ती बरत रही है ताकि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके।