Newzfatafatlogo

रेवाड़ी के नरेंद्र यादव ने माउंट एल्ब्रस पर तिरंगा फहराया

हरियाणा के रेवाड़ी के पर्वतारोही नरेंद्र सिंह यादव ने 15 अगस्त को माउंट एल्ब्रस पर तिरंगा फहराकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। यह उनकी तीसरी बार है जब उन्होंने इस चोटी पर चढ़ाई की है, जिससे वे सबसे अधिक बार चढ़ाई करने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। इस लेख में जानें उनके साहसिक सफर, कठिनाइयों और भविष्य की योजनाओं के बारे में।
 | 
रेवाड़ी के नरेंद्र यादव ने माउंट एल्ब्रस पर तिरंगा फहराया

15 अगस्त को माउंट एल्ब्रस पर तिरंगा फहराया


Narendra Singh Yadav, रेवाड़ी: हरियाणा के रेवाड़ी के पर्वतारोही नरेंद्र सिंह यादव ने 15 अगस्त को एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रस पर विजय प्राप्त की। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जब नरेंद्र ने तिरंगा फहराया, तो पूरे देश ने उन्हें सलाम किया। यह उनकी तीसरी बार है जब उन्होंने इस चोटी पर चढ़ाई की है, जिससे उन्होंने माउंट एल्ब्रस पर सबसे अधिक बार चढ़ाई करने वाले पहले भारतीय पर्वतारोही का खिताब हासिल किया।


नरेंद्र ने पहले भी 2017 और 2023 में माउंट एल्ब्रस को फतह किया था। उनकी इस उपलब्धि पर किर्गिज गणराज्य के पर्वतारोहण एवं खेल चढ़ाई संघ ने उन्हें प्रमाण पत्र और मेडल देकर सम्मानित किया।


-30 डिग्री सेल्सियस में चढ़ाई का सामना किया


यह अंतरराष्ट्रीय अभियान एनएसवाई आउटडोर्स द्वारा 9 अगस्त को आरंभ हुआ। छह दिन के कठिन प्रशिक्षण और ऐक्लिमेटाइजेशन के बाद, 15 अगस्त की रात 1 बजे उन्होंने बेस कैंप से अंतिम चढ़ाई शुरू की।


हाड कंपा देने वाली -30 डिग्री सेल्सियस की ठंड और 40-50 किमी/घंटा की तेज हवाओं के बीच संघर्ष करते हुए, सुबह सवा नौ बजे नरेंद्र ने शिखर पर पहुंचकर तिरंगा फहराया और जय श्रीराम तथा भारत माता का जयघोष किया।


नेहरूगढ़ गांव के निवासी, सभी महाद्वीपों की चोटियों पर विजय


नरेंद्र नेहरूगढ़ गांव के निवासी हैं और वे सातों महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर विजय प्राप्त करने वाले पहले युवा पुरुष पर्वतारोही हैं। उनका अगला लक्ष्य एक्सप्लोरर्स ग्रैंड स्लैम को पूरा करना है, जिसमें उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचना शामिल है। वे ज्वालामुखी पर्वतों पर भी चढ़ाई कर भारत का नाम रोशन करना चाहते हैं।


फ्रॉस्टबाइट से प्रभावित, फिर भी हार नहीं मानी


नरेंद्र यादव के पैर पर्वतारोहण के कारण फ्रॉस्टबाइट का शिकार हो चुके हैं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। फ्रॉस्टबाइट के कारण उनका उपचार दो साल तक चला। अब उनके दोनों पैर की अंगुलियां मुड़ती नहीं हैं, केवल सीधी रहती हैं। एक बार डॉक्टर ने उन्हें उंगलियां काटने की सलाह दी थी।