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लखनऊ और कानपुर में इलेक्ट्रिक बसों का नया युग शुरू

उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ और कानपुर में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की योजना को मंजूरी दी है। यह पायलट प्रोजेक्ट निजी कंपनियों द्वारा चलाया जाएगा, जिससे यात्रियों को आरामदायक और पर्यावरण के अनुकूल यात्रा का अनुभव मिलेगा। इस योजना के तहत, दोनों शहरों में 200 आधुनिक ई-बसें चलेंगी। जानें इस नई पहल के बारे में और इसके संभावित लाभों के बारे में।
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लखनऊ और कानपुर में इलेक्ट्रिक बसों का नया युग शुरू

इलेक्ट्रिक बसों का संचालन

लखनऊ और कानपुर के निवासियों के लिए यात्रा अब और अधिक सुविधाजनक, आरामदायक और पर्यावरण के अनुकूल बनने जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इन दोनों प्रमुख शहरों में निजी कंपनियों द्वारा इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए एक महत्वपूर्ण योजना को मंजूरी दी है। यह एक पायलट प्रोजेक्ट है, जिसे सफल होने पर राज्य के अन्य बड़े शहरों में भी लागू किया जा सकता है।

इस योजना के अंतर्गत, लखनऊ और कानपुर में 10-10 व्यस्त रूटों पर निजी ऑपरेटर वातानुकूलित (AC) इलेक्ट्रिक बसें चलाएंगे। प्रत्येक रूट पर कम से कम 10 बसें होंगी, जिससे कुल मिलाकर दोनों शहरों में 200 आधुनिक ई-बसों का एक बेड़ा तैयार होगा।

इस प्रोजेक्ट की एक विशेषता यह है कि यह 'नेट कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट' मॉडल पर आधारित है। इसका अर्थ है कि बसों की खरीद, ड्राइवर और कंडक्टर का वेतन, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और संचालन का पूरा खर्च निजी ऑपरेटर उठाएंगे। सरकार इन कंपनियों को कोई वित्तीय सहायता या सब्सिडी नहीं देगी, बल्कि केवल ई-चार्जिंग की सुविधाएं सुनिश्चित करेगी। हालांकि, बसों का किराया तय करने का अधिकार सरकार के पास रहेगा।

निजी कंपनियों के साथ यह अनुबंध 12 वर्षों के लिए होगा। इस कदम से सरकार पर वित्तीय बोझ कम होगा और शहरी परिवहन प्रणाली को आधुनिक, पर्यावरण-अनुकूल और यात्रियों के लिए सुविधाजनक बनाया जाएगा। यह निर्णय लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के साथ आया है, जो दोनों शहरों के बीच यात्रा के समय को काफी कम करेगा। ये दोनों परियोजनाएं मिलकर क्षेत्र में कनेक्टिविटी और परिवहन में एक बड़ा बदलाव लाने का वादा करती हैं।