लखनऊ के कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का मामला

भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताएँ
लखनऊ। कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएँ सामने आई हैं, जिससे कई सवाल उठ रहे हैं। इस भर्ती में एक बड़ा खेल हुआ है, जिसके उजागर होने के बाद जिम्मेदार मौन साधे हुए हैं।
लखनऊ के इस प्रतिष्ठित संस्थान में 96 डॉक्टरों की भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे, जिसमें लगभग 150 डॉक्टरों ने भाग लिया। निदेशक डॉ. मदन लाल ब्रह्म भट्ट ने एक विशेषज्ञ पैनल का गठन किया, जिसने अगस्त 2025 में साक्षात्कार आयोजित किए। चयनित डॉक्टरों की सूची चार सितंबर को जारी की गई, जिसमें स्वास्थ्य विभाग में फैले भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया।
चयनित डॉक्टरों में एनस्थीसिया विभाग से छह डॉक्टर शामिल थे, जिनमें श्वेता अग्रवाल का नाम भी था। उनके चयन पर सवाल उठने लगे हैं, क्योंकि कहा जा रहा है कि वे साक्षात्कार में उपस्थित नहीं थीं, फिर भी उनका नाम चयनित सूची में शामिल किया गया। इस पर अब सवाल उठने लगे हैं और भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की बातें की जा रही हैं।
निदेशक की नियुक्ति पर भी उठे थे सवाल
इससे पहले, कल्याण सिंह कैंसर संस्थान के निदेशक की नियुक्ति पर भी विवाद उठ चुका है। नियमों की अनदेखी करते हुए डॉ. मदन लाल ब्रह्म भट्ट को निदेशक बनाया गया था, जिसके खिलाफ कई गंभीर आरोप भी लगे थे।
भ्रष्टाचार का जाल
उत्तर प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग इस समय भ्रष्टाचारियों के चंगुल में फंसा हुआ है। कई अधिकारी भी इन गतिविधियों में शामिल हैं, जिससे स्वास्थ्य विभाग में काम करना आसान हो गया है। सूत्रों के अनुसार, कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया में बड़ा खेल हुआ है।