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लखनऊ में एमिटी यूनिवर्सिटी में छात्र की पिटाई का मामला, वीडियो वायरल

लखनऊ के एमिटी यूनिवर्सिटी में एक लॉ स्टूडेंट को उसके सहपाठियों ने कार में बैठाकर बेरहमी से पीटा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसने न केवल पीड़ित छात्र को बल्कि उसके परिवार को भी सदमे में डाल दिया है। पीड़ित छात्र ने बताया कि हमलावरों ने उसे लगातार थप्पड़ मारे और उसका फोन छीन लिया। परिवार ने विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की है। यह घटना शिक्षा संस्थानों में सुरक्षा के मुद्दे पर गंभीर सवाल उठाती है।
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लखनऊ में एमिटी यूनिवर्सिटी में छात्र की पिटाई का मामला, वीडियो वायरल

यूनिवर्सिटी कैंपस में हुई हिंसा

यूनिवर्सिटी कैंपस में हिंसा: लखनऊ स्थित एमिटी यूनिवर्सिटी में एक गंभीर घटना सामने आई है, जिसमें एक लॉ स्टूडेंट को उसके दो सहपाठियों ने कार में बैठाकर बेरहमी से पीटा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया है, जिसने न केवल पीड़ित छात्र और उसके परिवार को सदमे में डाल दिया, बल्कि विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस के सामने भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना 26 अगस्त को एमिटी यूनिवर्सिटी के लखनऊ कैंपस की पार्किंग में हुई।


पीड़ित छात्र शिखर, जो एलएलबी सेकेंड ईयर का छात्र है, ने बताया कि वह अपने एक मित्र के साथ कैंपस में था। तभी कुछ सहपाठी उनकी कार में आकर बैठ गए। अचानक, एक लड़की और आयुष यादव नामक लड़के ने शिखर पर हमला कर दिया। शिखर के अनुसार, “वे लोग मुझे लगातार थप्पड़ मारते रहे और मां-बहन की गालियां दीं।” हमलावरों ने न केवल शिखर को ताबड़तोड़ थप्पड़ मारे, बल्कि उसका फोन छीनकर चैट डिलीट कर दीं और सिम तोड़ दी।



वायरल वीडियो ने खोली सच्चाई


घटना का डेढ़ मिनट का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि एक लड़की और एक लड़का शिखर को बारी-बारी से थप्पड़ मार रहे हैं। पहले लड़की ने 5-6 थप्पड़ जड़े, फिर आयुष यादव ने गालियां देते हुए शिखर के दोनों गालों पर तड़ातड़ थप्पड़ मारे। इस दौरान कई अन्य छात्र मौके पर मौजूद थे, लेकिन किसी ने भी पीड़ित को बचाने की कोशिश नहीं की। वीडियो में हमलावरों की क्रूरता और पीड़ित की बेबसी साफ झलक रही है।


पीड़ित का परिवार सदमे में


शिखर के पिता मुकेश केसरवानी ने बताया, “मेरा बेटा बहुत डरा हुआ है। घटना के बाद से उसके व्यवहार में बहुत बदलाव आया है। वह अचानक सहम जा रहा है। उसका कॉन्फिडेंस भी बेहद कम हो गया है।” परिवार ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को शिकायती पत्र सौंपा है और पुलिस में आयुष यादव, जाह्नवी मिश्रा, मिलाय बनर्जी, विवेक सिंह और आर्यमन शुक्ला के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। मुकेश ने कहा, “महज 1 मिनट 40 सेकेंड में मेरे बेटे को 26 से 30 थप्पड़ मारे गए। यह पूरी तरह से सुनियोजित टॉर्चर था।”


दो महीने बाद कॉलेज लौटने पर हमला


शिखर ने बताया कि 11 जून को उनके घुटने और लिगामेंट का ऑपरेशन हुआ था, जिसके कारण वह दो महीने तक यूनिवर्सिटी नहीं जा सके। 8 अगस्त से उन्होंने दोबारा कॉलेज जाना शुरू किया था। घटना के दिन वह सामान्य रूप से कैंपस में थे, लेकिन अचानक हमले ने उन्हें हतप्रभ कर दिया। शिखर ने कहा, “मैं कुछ समझ पाता, इससे पहले ही तमाचे मारे गए।”


सख्त कार्रवाई की मांग


मुकेश केसरवानी ने आरोपियों को “क्रिमिनल माइंड” करार देते हुए कहा, “ऐसे लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। अगर इनके खिलाफ समय रहते कदम नहीं उठाया गया, तो ये किसी के साथ भी जघन्य अपराध कर सकते हैं।” परिवार ने यूनिवर्सिटी प्रशासन और पुलिस से त्वरित कार्रवाई की मांग की है।