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लखनऊ में धर्मांतरण गिरोह का भंडाफोड़, 50 हिंदुओं को बनाया ईसाई

लखनऊ में निगोहां पुलिस ने एक बड़े धर्मांतरण गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जिसमें आरोपी मलखान ने लगभग 50 हिंदुओं को धोखे में रखकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया। आरोपी ने चंगाई सभाओं के माध्यम से गरीब और कम पढ़े-लिखे लोगों को अपने जाल में फंसाया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उसके खिलाफ एक मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में शामिल पुलिस टीम को इनाम भी दिया गया है।
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लखनऊ में धर्मांतरण गिरोह का भंडाफोड़, 50 हिंदुओं को बनाया ईसाई

लखनऊ में धर्मांतरण का खुलासा

लखनऊ में धर्मांतरण गिरोह का भंडाफोड़: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में निगोहां पुलिस ने एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह के एक सदस्य ने लगभग 50 हिंदुओं को धोखे में रखकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया। आरोपी का नाम मलखान है, जो बक्तौरी खेड़ा गांव का निवासी है और लंबे समय से धर्मांतरण गतिविधियों में संलग्न था।


धर्मांतरण की विधि

मलखान ने चंगाई सभाओं के माध्यम से कम पढ़े-लिखे और गरीब लोगों को अपने जाल में फंसाया। उसने उन्हें बीमारियों से मुक्ति दिलाने का लालच दिया और फिर धर्मांतरण करवा दिया। पुलिस के अनुसार, मलखान ने लगभग 10 साल पहले ईसाई धर्म अपनाया था और अपना नाम मैथ्यू रख लिया था।


चंगाई सभाओं का आयोजन

खेत में बनाया छोटा सा कमरा: उसने अपने खेत में एक छोटा सा कमरा बना रखा था, जहां वह महीने में दो बार चंगाई सभा आयोजित करता था। वह लोगों को बीमारियों से निजात दिलाने और आर्थिक सहायता का झांसा देकर बपतिस्मा दिलाता था।


धर्मांतरण की संख्या

50 लोगों का धर्मांतरण: पुलिस उपायुक्त निपुण अग्रवाल ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के बाद यह पता चला कि उसने अब तक लगभग 50 लोगों का धर्मांतरण किया है। उसके खिलाफ एक मुकदमा दर्ज किया गया है और उसे जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने आरोपी के घर से बाइबिल और प्रचार सामग्री भी बरामद की है। इस मामले में शामिल पुलिस टीम को डीसीपी ने 25 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।


आर्थिक सहायता का मामला

धर्मांतरण के बाद आर्थिक मदद: पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी धर्मांतरण के बाद लोगों को आर्थिक सहायता भी प्रदान करता था। अब यह जांच की जा रही है कि उसे यह फंडिंग कौन करता था। पुलिस मलखान और उसके परिवार के बैंक खातों की जांच कर रही है, ताकि यह पता चल सके कि वह धर्मांतरण के लिए पैसे कहां से प्राप्त कर रहा था। हिंदू संगठनों ने पहले भी इस मामले का विरोध किया था और अब पुलिस ने इस गिरोह का पर्दाफाश कर दिया है।