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लखनऊ में भाजपा और संघ की महत्वपूर्ण बैठक: चुनावी रणनीतियों पर चर्चा

लखनऊ के निराला नगर में भाजपा और संघ की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन हो रहा है, जिसमें आगामी पंचायत चुनाव और विधानसभा चुनावों की रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी। इस बैठक में भाजपा के वरिष्ठ नेता और संघ के पदाधिकारी शामिल होंगे। राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए, यह बैठक भाजपा और संघ के बीच समन्वय को मजबूत करने का एक प्रयास है। बैठक में कार्यकर्ताओं के समन्वय, प्रचार योजनाओं और बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी। जानें इस बैठक का महत्व और संभावित निर्णयों के बारे में।
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लखनऊ में संघ कार्यालय में बैठक का आयोजन

लखनऊ के निराला नगर में संघ कार्यालय में आज एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया जा रहा है, जो राजनीतिक हलचलों को जन्म दे सकती है और आगामी चुनावों की दिशा को निर्धारित कर सकती है। इस बैठक में भाजपा और संघ के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे, जहां पंचायत चुनाव, 2027 के विधानसभा चुनाव और विधान परिषद की 11 सीटों के चुनाव पर चर्चा की जाएगी।


बैठक का महत्व राजनीतिक समीकरणों के संदर्भ में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। भाजपा और संघ के बीच समन्वय को मजबूत करने के लिए यह कदम उठाया गया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह के साथ 32 से अधिक आनुषांगिक संगठनों के प्रतिनिधि भी इस बैठक में उपस्थित रहेंगे।


सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में चुनावी रणनीतियों के अलावा, कार्यकर्ताओं के समन्वय, प्रचार योजनाओं और बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने जैसे मुद्दों पर भी गहन चर्चा की जाएगी।


हाल ही में जोधपुर में संघ की राष्ट्रीय बैठक हुई थी, जिसमें भाजपा के कई प्रमुख नेताओं ने भाग लिया था। उस बैठक में संगठन और पार्टी के बीच संवाद को बेहतर बनाने पर जोर दिया गया था। लखनऊ की यह बैठक उसी दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।


लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा और संघ के बीच मतभेदों की चर्चा हुई थी, जिसके कारण यूपी में पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा। पूर्वांचल और ब्रज क्षेत्र की कुछ सीटों पर अपेक्षित प्रदर्शन नहीं हो सका। अब दोनों संगठन समय रहते एक मंच पर आने का प्रयास कर रहे हैं।


बैठक में यह तय किया जा सकता है कि पंचायत चुनाव के दौरान किन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी, कार्यकर्ताओं की तैनाती कैसे की जाएगी और सोशल मीडिया सहित अन्य माध्यमों से प्रचार अभियान कैसे चलाया जाएगा। विधान परिषद की सीटों के लिए संभावित उम्मीदवारों के नामों पर भी चर्चा हो सकती है।