लखनऊ में मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ FIR, डिंपल यादव पर विवादित टिप्पणी

मामले का सारांश
लखनऊ में ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। उन पर समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद डिंपल यादव के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने और धार्मिक वैमनस्य फैलाने का आरोप है। यह मामला तब चर्चा में आया जब मौलाना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने डिंपल यादव के पहनावे और मस्जिद में उनके व्यवहार पर विवादास्पद टिप्पणियां की थीं।
क्या हुआ?
27 जुलाई 2025 को एक वीडियो में मौलाना साजिद रशीदी ने डिंपल यादव के दिल्ली के संसद मार्ग स्थित मस्जिद में दौरे के दौरान उनके पहनावे को लेकर आपत्तिजनक बातें की थीं। वीडियो में उन्होंने डिंपल के लिए 'नंगी बैठी थी' और 'आपत्तिजनक स्थिति में थी' जैसे शब्दों का प्रयोग किया, जिसे सपा और उनके समर्थकों ने महिला की गरिमा के खिलाफ और धार्मिक वैमनस्य को बढ़ावा देने वाला बताया। इस बयान ने यूपी के राजनीतिक माहौल में हलचल मचा दी।
पुलिस की कार्रवाई
लखनऊ पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ विभूतिखंड थाने में FIR दर्ज की है। यह FIR लखनऊ के निवासी प्रवेश यादव द्वारा दर्ज कराई गई है, जिसमें मौलाना की टिप्पणियों को महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली बताया गया है।
पिछले विवाद
मौलाना साजिद रशीदी पहले भी अपने विवादास्पद बयानों के लिए चर्चा में रह चुके हैं। 2022 में उन्होंने नूपुर शर्मा विवाद के दौरान भड़काऊ बयान दिए थे। 2023 में सोमनाथ मंदिर पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा था कि महमूद गजनवी ने मंदिर तोड़कर सही किया। इसके बाद उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई थी।
भाजपा की प्रतिक्रिया
इस घटना ने उत्तर प्रदेश में पहले से चल रहे धार्मिक और राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है। डिंपल यादव के मस्जिद दौरे को लेकर भाजपा और कुछ मुस्लिम नेताओं ने उनके पहनावे पर सवाल उठाए थे। भाजपा के माइनॉरिटी मोर्चा अध्यक्ष ने डिंपल के पहनावे को मस्जिद के नियमों के खिलाफ बताया।
डिंपल यादव का आरोप
सपा की सांसद डिंपल यादव ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उन्होंने उनके मस्जिद दौरे को गलत तरीके से पेश किया। उन्होंने कहा कि यह दौरा कोई राजनीतिक बैठक नहीं थी, बल्कि इमाम मोहिबुल्लाह नदवी के निमंत्रण पर हुआ था।
पुलिस जांच
लखनऊ पुलिस ने FIR दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने मौलाना साजिद रशीदी के वायरल वीडियो को सबूत के तौर पर शामिल किया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने सोशल मीडिया पर अन्य भड़काऊ बयानों पर भी नजर रखने का निर्णय लिया है।