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लखनऊ में साइबर ठगी का बड़ा खुलासा: 1 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में आरोपी गिरफ्तार

लखनऊ में साइबर पुलिस ने एक बड़े ठगी के मामले का खुलासा किया है, जिसमें आरोपी राहुल कुमार पर टोयोटा कंपनी की फर्जी वेबसाइट बनाकर 1 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है। पुलिस ने बताया कि यह गिरोह नामी कंपनियों की नकली वेबसाइटें बनाकर लोगों को ठगता था। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और आरोपी की पृष्ठभूमि।
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लखनऊ में साइबर ठगी का बड़ा खुलासा: 1 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में आरोपी गिरफ्तार

साइबर क्राइम में बड़ी सफलता


लखनऊ, उत्तर प्रदेश से साइबर अपराध से जुड़ी एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। साइबर पुलिस ने एक बड़े ठगी के मामले का पर्दाफाश किया है। आरोप है कि राहुल कुमार ने टोयोटा कंपनी की नकली वेबसाइट बनाकर लगभग 1 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की। यह गिरफ्तारी लखनऊ साइबर क्राइम थाने की विशेष टीम द्वारा की गई, जो एक संगठित साइबर ठग गिरोह का हिस्सा है।


पुलिस के अनुसार, राहुल कुमार एक ऐसे गिरोह का सदस्य है जो प्रसिद्ध कंपनियों की फर्जी वेबसाइटें बनाकर लोगों को ठगता था। इस गिरोह ने टोयोटा की एक नकली वेबसाइट बनाई, जिसे गूगल और सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचारित किया गया। इस वेबसाइट पर टोयोटा की डीलरशिप और फ्रेंचाइजी के लिए ऑनलाइन आवेदन करने का लालच दिया जाता था। आवेदन करने वाले लोग अपनी जानकारी वेबसाइट पर भरते थे, जिसके बाद उनसे रजिस्ट्रेशन फीस, सिक्योरिटी मनी और जीएसटी के नाम पर बड़ी रकम वसूली जाती थी।


पुलिस की जांच में यह भी पता चला कि ठगी की गई राशि को फर्जी आईडी पर खोले गए बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाता था। आरोपी इन खातों का उपयोग करके पैसे को तेजी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करते थे, ताकि पुलिस की पकड़ से बच सकें। इस मामले में राहुल कुमार की भूमिका महत्वपूर्ण थी, क्योंकि वह गिरोह के लिए फर्जी वेबसाइटों का प्रचार और धन वसूलने का कार्य करता था।


राहुल कुमार का परिचय


राहुल कुमार पटना के एक प्रसिद्ध कोचिंग सेंटर, एलन कोचिंग सेंटर में सफाईकर्मी के रूप में कार्यरत था। इसी कोचिंग के माध्यम से वह धोखाधड़ी करता था। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि ठगी की राशि को फर्जी आईडी पर खोले गए बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाता था। इन खातों का उपयोग कर आरोपी पैसे को तेजी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करते थे, ताकि पुलिस की पकड़ से बच सकें। इस मामले में राहुल कुमार की भूमिका महत्वपूर्ण थी, जो गिरोह के लिए फर्जी वेबसाइटों का प्रचार और धन वसूलने का कार्य करता था।