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लखनऊ से कानपुर यात्रा में तेजी, ट्रेनें अब 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी

लखनऊ से कानपुर के बीच यात्रा अब और भी तेज हो गई है, जहां ट्रेनें 120 किमी प्रति घंटे की गति से चलेंगी। पहले 75 से 90 मिनट लगने वाले सफर का समय अब घटकर 40 से 45 मिनट रह जाएगा। इस अपग्रेड से लगभग 50,000 यात्रियों को प्रतिदिन लाभ होगा। ट्रैक का आधुनिकीकरण पूरा हो चुका है और ट्रेनें तेज गति से चलने के लिए तैयार हैं। जून में औसत गति 120 किमी प्रति घंटे कर दी जाएगी, जिससे यात्रियों को यात्रा में आसानी होगी।
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लखनऊ से कानपुर यात्रा में तेजी, ट्रेनें अब 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी

लखनऊ से कानपुर यात्रा में सुधार

लखनऊ और कानपुर के बीच यात्रा अब और अधिक सुविधाजनक हो गई है। इस रेल मार्ग पर ट्रेनें अब 120 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलेंगी, जिससे यात्रियों का समय बचेगा। पहले इस यात्रा में 75 से 90 मिनट लगते थे, लेकिन अब यह समय घटकर 40 से 45 मिनट रह जाएगा। इस अपग्रेड का लाभ लगभग 50,000 यात्रियों को प्रतिदिन मिलेगा। गंगा रेल पुल की मरम्मत के बाद ट्रेन की गति 10 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़कर 45 किलोमीटर प्रति घंटे हो गई है। पुल के रखरखाव में हर दिन 9 घंटे का मेगा ब्लॉक शामिल था, जिसमें एच-बीम स्लीपर लगाए गए।


ट्रेनें चलने के लिए तैयार

इस रूट पर ट्रैक का आधुनिकीकरण काफी हद तक पूरा हो चुका है। स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस, चित्रकूट एक्सप्रेस और तेजस एक्सप्रेस के हाई-स्पीड ट्रायल सफलतापूर्वक किए जा चुके हैं, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि ट्रेनें तेज गति से चलने के लिए तैयार हैं। दिसंबर 2024 में टेस्टिंग के बाद, इस रूट पर ट्रेन की गति बढ़ाने का कार्य जारी रहेगा। कानपुर सेंट्रल के निदेशक आशुतोष सिंह ने कहा कि परिचालन दक्षता में सुधार के लिए लंबे समय से प्रयास किए जा रहे थे, जो अब सफल हो रहे हैं।


कब होगी शुरुआत

सूत्रों के अनुसार, जून में इस रूट पर औसत ट्रेन की गति 120 किमी प्रति घंटे कर दी जाएगी। इससे यात्रियों को यात्रा में आसानी होगी और समय की बचत होगी। इसके अलावा, यात्रियों को भीड़-भाड़ का सामना नहीं करना पड़ेगा। रोजाना 50,000 से अधिक यात्री कानपुर से लखनऊ की यात्रा करते हैं, जिससे उनका सफर और भी सुगम हो जाएगा।


लखनऊ से कानपुर की दूरी

लखनऊ और कानपुर के बीच की दूरी लगभग 80 किलोमीटर है। ये दोनों शहर उत्तर प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक और व्यावसायिक केंद्र माने जाते हैं। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से न केवल आम जनता को लाभ होगा, बल्कि सरकार को भी फायदा होगा, जिससे यात्रा सुरक्षित और आरामदायक होगी।