Newzfatafatlogo

लद्दाख में भूस्खलन से सैन्य वाहन दुर्घटना: दो अधिकारी शहीद, तीन घायल

लद्दाख के गलवान घाटी में एक सैन्य वाहन भूस्खलन की चपेट में आ गया, जिससे दो अधिकारी शहीद हो गए और तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हुए। यह घटना बुधवार सुबह हुई, जब एक बड़ा बोल्डर अचानक वाहन पर गिर गया। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। भारतीय सेना ने इस घटना की पुष्टि की है और बचाव कार्य जारी है। जानें इस घटना के बारे में और भी जानकारी।
 | 
लद्दाख में भूस्खलन से सैन्य वाहन दुर्घटना: दो अधिकारी शहीद, तीन घायल

लद्दाख में भूस्खलन की घटना

गलवान चारबाग घटना: लद्दाख के गलवान घाटी में चारबाग क्षेत्र में बुधवार को भारतीय सेना का एक दल भूस्खलन की चपेट में आ गया। दुरबुक से चोंगताश की ओर जा रहे सैन्य वाहन पर अचानक एक बड़ा बोल्डर गिर गया, जिससे वाहन को गंभीर नुकसान हुआ। इस दुखद घटना में सेना के दो अधिकारी शहीद हो गए, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घायलों को तुरंत एयरलिफ्ट कर 153 जनरल अस्पताल (GH) लेह में भर्ती कराया गया है। यह हादसा बुधवार सुबह लगभग 11:30 बजे हुआ।  


शहीद हुए अधिकारी

इस दुर्घटना में 14 सिंध हॉर्स रेजीमेंट के लेफ्टिनेंट कर्नल मनकोटिया और दलजीत सिंह ने अपने प्राणों की आहुति दी। वहीं, घायल अधिकारियों में मेजर मयंक शुभम (14 सिंध हॉर्स), मेजर अमित दीक्षित और कैप्टन गौरव (60 आर्म्ड) शामिल हैं, जिनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।


सेना का आधिकारिक बयान

भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा, '30 जुलाई को सुबह लगभग 11:30 बजे लद्दाख क्षेत्र में दुरबुक से चोंगताश की ओर बढ़ रहे सैन्य काफिले के एक वाहन पर भारी बोल्डर गिर गया। बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है और घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।'


घटना का ट्विटर पर उल्लेख


भूस्खलन से पहले की घटनाएँ

यह पहली बार नहीं है जब सैन्य काफिला भूस्खलन या पहाड़ी दुर्घटना का शिकार हुआ है। मई 2025 में जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले के बैटरी चश्मा के पास भी ऐसा ही एक हादसा हुआ था, जब एक सैन्य ट्रक 200-300 मीटर गहरी खाई में गिर गया था। उस दुर्घटना में तीन जवान शहीद हुए थे।


सैन्य मूवमेंट की चुनौतियाँ

लद्दाख और जम्मू-कश्मीर जैसे पर्वतीय और दुर्गम क्षेत्रों में सैन्य गतिविधियों के दौरान इस प्रकार की प्राकृतिक आपदाएं सुरक्षा बलों के लिए हमेशा एक चुनौती बनी रहती हैं। सेना ऐसे क्षेत्रों में कठिन परिस्थितियों में देश की सेवा कर रही है, जहां मौसम और भौगोलिक स्थितियां अत्यधिक अस्थिर होती हैं।