ललित मोदी और विजय माल्या का विवादास्पद वीडियो: भारत सरकार की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
भारत से भागे हुए व्यवसायियों ललित मोदी और विजय माल्या का एक वीडियो हाल ही में सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बन गया है। इस वीडियो में दोनों ने खुद को भारत के 'सबसे बड़े भगोड़े' के रूप में पेश किया। वीडियो के प्रकाशन के बाद, सरकार की भूमिका और प्रत्यर्पण प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं।
वीडियो पोस्ट से उपजा विवाद
ललित मोदी ने सोमवार को इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें वह और विजय माल्या एक साथ नजर आ रहे थे। वीडियो में ललित मोदी ने कहा कि वे दोनों भारत के सबसे बड़े भगोड़े हैं। इस पोस्ट के कैप्शन में भी तंज भरे शब्द शामिल थे, लेकिन बाद में इसे हटा दिया गया।
ललित मोदी और विजय माल्या की पहचान
ललित मोदी, जो 62 वर्ष के हैं, पर इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) से जुड़े वित्तीय अनियमितताओं, टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप हैं। वह 2010 में भारत छोड़कर चले गए थे और 2019 में उन्हें भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया।
विजय माल्या, जो 69 वर्ष के हैं, किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमोटर हैं। उन पर बैंकों से लिए गए कर्ज का भुगतान न करने का आरोप है। वह लगभग 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज में डिफॉल्ट कर चुके हैं और 2016 में भारत से बाहर चले गए थे। उन्हें भी 2019 में भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया।
भगोड़ों की वापसी के लिए सरकार की प्रतिबद्धता
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत सरकार सभी भगोड़ों को वापस लाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो लोग भारत के कानून द्वारा वांछित हैं, उन्हें वापस लाकर अदालत में मुकदमे का सामना कराना सरकार का लक्ष्य है।
प्रत्यर्पण प्रक्रिया की जटिलताएँ
विदेश मंत्रालय के अनुसार, ऐसे मामलों में कई कानूनी और अंतरराष्ट्रीय प्रक्रियाएँ शामिल होती हैं। भारत विभिन्न देशों की सरकारों के साथ लगातार बातचीत कर रहा है। हालांकि यह प्रक्रिया लंबी है, लेकिन सरकार का स्पष्ट रुख है कि कानून से भागने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
सरकार की स्पष्ट मंशा
सरकार ने यह दोहराया है कि चाहे मामला कितना भी पुराना या जटिल क्यों न हो, भारत अपने आर्थिक अपराधियों को वापस लाने के प्रयास जारी रखेगा ताकि वे देश की अदालतों में जवाबदेह बन सकें।
