ललित मोदी और विजय माल्या की वापसी: क्या है सरकार की योजना?
ललित मोदी और विजय माल्या का मामला फिर से चर्चा में
नई दिल्ली: भगोड़े व्यवसायियों ललित मोदी और विजय माल्या को भारत लाने का मुद्दा एक बार फिर से सुर्खियों में है। हाल ही में एक वीडियो सामने आया है जिसमें दोनों खुद को भारत के सबसे बड़े भगोड़ों के रूप में पेश कर रहे हैं। इस पर विदेश मंत्रालय से सवाल उठाया गया कि इनकी वापसी में इतनी देरी क्यों हो रही है और सरकार इस दिशा में क्या कदम उठा रही है।
विदेश मंत्रालय का स्पष्टीकरण
पत्रकार के सवाल पर क्या बोला विदेश मंत्रालय?
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि ललित मोदी द्वारा साझा किए गए वीडियो से ऐसा प्रतीत होता है कि वे जानबूझकर भारतीय एजेंसियों को उकसा रहे हैं। एक पत्रकार ने यह भी पूछा कि क्या जांच एजेंसियों की ओर से कोई ढिलाई बरती जा रही है या मामला किसी कारणवश अटका हुआ है।
सरकार की प्रतिबद्धता
सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई
इस पर रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया कि भारत सरकार सभी भगोड़ों को वापस लाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जो लोग भारतीय कानून से भागकर विदेशों में छिपे हुए हैं, उन्हें वापस लाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इस प्रक्रिया में कई देशों के साथ बातचीत और कानूनी प्रक्रियाएं चल रही हैं।
कानूनी प्रक्रिया की जटिलताएँ
कानूनी प्रक्रिया की जटिलता
विदेश मंत्रालय के अनुसार, किसी भगोड़े को वापस लाना केवल एक देश का निर्णय नहीं होता, बल्कि इसमें अंतरराष्ट्रीय कानून, प्रत्यर्पण संधियां और स्थानीय अदालतों की भूमिका भी होती है। कई मामलों में कानूनी अड़चनें और विदेशी अदालतों में लंबी सुनवाई के कारण प्रक्रिया में समय लगता है। यही कारण है कि ललित मोदी और विजय माल्या की वापसी में देरी हो रही है।
सोशल मीडिया पर उभरा आक्रोश
विवाद की वजह बना वीडियो
हाल ही में ललित मोदी ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया था, जिसमें विजय माल्या के जन्मदिन की पार्टी का जश्न मनाते हुए दोनों नजर आ रहे हैं। वीडियो में ललित मोदी मजाक में खुद और माल्या को "भारत के दो सबसे बड़े भगोड़े" कह रहे हैं। इस वीडियो के साथ उनके द्वारा दिया गया कैप्शन सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न कर रहा है।
सरकार का स्पष्ट संदेश
सरकार का स्पष्ट संदेश
इन सवालों और आलोचनाओं के बीच विदेश मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया है कि सरकार किसी भी प्रकार के दबाव या उकसावे से प्रभावित नहीं होगी। रणधीर जायसवाल ने दोहराया कि भारत सरकार इन भगोड़ों को कानून के दायरे में लाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है और भविष्य में इस दिशा में ठोस परिणाम देखने को मिलेंगे।
