लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद का नया जिहादी अभियान: कश्मीर में युवाओं को निशाना बना रहे हैं

जिहादी गतिविधियों में तेजी
श्रीनगर: प्रतिबंधित आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के सहयोग से अपनी जिहादी गतिविधियों को फिर से तेज कर दिया है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, इन संगठनों ने नए आतंकी प्रशिक्षण शिविर स्थापित किए हैं और सीमा पार एक टीवी चैनल भी शुरू किया है, जिसका उद्देश्य प्रोपेगेंडा फैलाना है।
नया टीवी चैनल और युवाओं की भर्ती
सूत्रों के अनुसार, यह टीवी चैनल जम्मू-कश्मीर यूनाइटेड मूवमेंट (JKUM) के तहत शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य कश्मीर में जिहाद को बढ़ावा देना और युवाओं की भर्ती करना है। हालांकि इसे एक धार्मिक और राजनीतिक संगठन के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, लेकिन यह वास्तव में लश्कर के मूल संगठन जमात-उद-दावा का हिस्सा है।
सोशल मीडिया का उपयोग
लश्कर और जैश के कमांडर अब जिहादी वीडियो और ऑडियो संदेशों के माध्यम से कश्मीरी युवाओं तक पहुंचने के लिए यू-ट्यूब, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम जैसे प्लेटफार्मों का उपयोग कर रहे हैं। इन प्रचारों में मारे गए आतंकियों को शहीद बताकर उनके परिवारों को सम्मानित करने की घटनाएं दिखाई जा रही हैं।
नए प्रशिक्षण शिविर
सूत्रों के अनुसार, लश्कर और जैश ने अपने पुराने शिविरों को फिर से सक्रिय करने के साथ-साथ नए शिविर भी स्थापित किए हैं। एक नया प्रशिक्षण शिविर जम्मू के सांबा सेक्टर के सामने पाकिस्तान के नारोवाल क्षेत्र में खोला गया है, जहां पाक सेना की स्पेशल स्ट्राइक ग्रुप और BAT (बॉर्डर एक्शन टीम) द्वारा चुनिंदा आतंकियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
भारत-विरोधी मानसिकता का प्रचार
ISI की सहायता से लश्कर और जैश के कमांडर गुलाम कश्मीर और पाकिस्तान के अन्य क्षेत्रों में लगातार रैलियां कर रहे हैं, मारे गए आतंकियों के परिवारों से मिलकर उन्हें सम्मानित कर रहे हैं और सार्वजनिक सभाओं में भारत-विरोधी मानसिकता को बढ़ावा दे रहे हैं।
भारतीय सुरक्षा बलों की सतर्कता
भारतीय सुरक्षाबलों ने पाकिस्तान की इन गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी है। खुफिया एजेंसियां लगातार इन गतिविधियों का विश्लेषण कर रही हैं और जम्मू-कश्मीर में संभावित आतंकी गतिविधियों के प्रति सतर्कता बढ़ा दी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नया प्रोपेगेंडा युद्ध कश्मीर में अशांति फैलाने की एक सुनियोजित कोशिश है, जिसे भारतीय एजेंसियां विफल करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।