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लालू यादव का कार्टून पोस्ट: एनडीए में कुर्सी की खींचतान

बिहार में एसआईआर विवाद के बाद, लालू यादव ने एक कार्टून साझा किया है जो एनडीए के नेताओं के बीच कुर्सी की खींचतान को दर्शाता है। इस कार्टून में पीएम मोदी को कुर्सी पर बैठे और उनके सहयोगियों को गिरते हुए दिखाया गया है। लालू यादव ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इन नेताओं को लोक सेवा की नहीं, बल्कि कुर्सी की चिंता है। जानें इस राजनीतिक स्थिति के पीछे की सच्चाई और आगामी चुनावों में इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
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लालू यादव का कार्टून पोस्ट: एनडीए में कुर्सी की खींचतान

लालू यादव का कार्टून पोस्ट

बिहार में एसआईआर विवाद अब समाप्त हो चुका है, और विपक्ष ने अपराध और गठबंधन की कमजोरियों पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया है। आरजेडी, तेजस्वी यादव और लालू यादव ने आज सुबह से ही एनडीए पर सोशल मीडिया के माध्यम से हमले तेज कर दिए हैं। वे कभी गठबंधन की स्थिति पर सवाल उठा रहे हैं, तो कभी बिहार की बिगड़ती कानून-व्यवस्था को जंगलराज का नाम दे रहे हैं। इसी संदर्भ में, लालू यादव ने एक कार्टून साझा किया है।


कार्टून में दिखाया गया राजनीतिक परिदृश्य

लालू यादव ने एक्स पर एक ट्वीट किया, जिसमें एक कार्टून और उसके ऊपर एक कैप्शन शामिल है। इस कार्टून में एक कुर्सी को सीएम की कुर्सी बताया गया है, जिस पर पीएम मोदी, सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, चिराग पासवान, जीतनराम मांझी और सीएम नीतीश कुमार की तस्वीरें हैं। कार्टून में पीएम मोदी को कुर्सी पर बैठे हुए दिखाया गया है, जबकि उनके सहयोगी कुर्सी से गिरते हुए नजर आ रहे हैं।



दलित वोटर्स पर टकराव

लालू यादव ने कार्टून के कैप्शन में लिखा है कि 'गांठ बहुत घनघोर है।' उन्होंने यह भी कहा कि इन लोगों को लोक सेवा की नहीं, बल्कि कुर्सी की चिंता है। बिहार में एनडीए अपनी स्थिति को मजबूत बताने का प्रयास कर रही है, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है। पीएम मोदी के सहयोगी चिराग पासवान सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का इरादा रखते हैं, जबकि दलित वोटर्स को लेकर जीतनराम मांझी और चिराग पासवान के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा है। नीतीश कुमार भी इस स्थिति को लेकर चिंतित हैं।


भविष्य की राजनीतिक स्थिति

बीजेपी ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि बिहार में सीएम नीतीश कुमार ही होंगे। गृहमंत्री अमित शाह ने एक कार्यक्रम में कहा था कि चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा, लेकिन सीएम का निर्णय बीजेपी की संसदीय बोर्ड की बैठक में होगा। अब यह देखना होगा कि लालू यादव द्वारा बताई गई गांठ चुनाव से पहले सुलझाई जा सकेगी या नहीं।