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लुधियाना उपचुनाव परिणाम: वोटों की गिनती शुरू, राजनीतिक दलों की नजरें

लुधियाना पश्चिम के उपचुनाव की वोटों की गिनती शुरू हो गई है, जिसमें सुबह 9 बजे से परिणाम आने की उम्मीद है। इस चुनाव का नतीजा पंजाब में आम आदमी पार्टी की राजनीतिक दिशा को निर्धारित करेगा। सभी प्रमुख दलों ने अपनी जीत का दावा किया है, लेकिन मतदान का प्रतिशत केवल 51.33% रहा है। जानें इस उपचुनाव के परिणाम का महत्व और किस दल की जीत से क्या होगा राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव।
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लुधियाना उपचुनाव परिणाम: वोटों की गिनती शुरू, राजनीतिक दलों की नजरें

सुबह 9 बजे से शुरू होंगे परिणाम


Ludhiana Bypoll Result Live: लुधियाना पश्चिम के लिए 19 जून को हुए मतदान की गिनती अब शुरू हो चुकी है। यह प्रक्रिया खालसा कॉलेज फॉर वूमन के ऑडिटोरियम में प्रारंभ हुई है, जहां सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती की जा रही है। सुबह 9 बजे से परिणाम आने की उम्मीद जताई जा रही है। इस उपचुनाव में सभी राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंकी थी, लेकिन मतदान का प्रतिशत केवल 51.33% रहा, जिससे सभी दलों में चिंता का माहौल है। फिर भी, सभी ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया है।


उपचुनाव के परिणाम का महत्व

इस उपचुनाव का परिणाम पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) की राजनीतिक दिशा को निर्धारित करेगा। इसके साथ ही, कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों की स्थिति भी स्पष्ट होगी। इस सीट के परिणाम यह तय करेंगे कि 2027 में होने वाले चुनावों में किस दल का पलड़ा भारी हो सकता है।


यदि इस सीट पर विपक्षी दलों में से कोई भी उम्मीदवार जीतता है, तो यह आम आदमी पार्टी के लिए एक चेतावनी होगी, क्योंकि आमतौर पर उपचुनाव में सत्ताधारी दल की जीत होती है।


आप के लिए जीत का महत्व

आप के उम्मीदवार और राज्यसभा सदस्य संजीव अरोड़ा की जीत कार्यकर्ताओं के उत्साह को बढ़ाएगी। यदि कांग्रेस के भारत भूषण आशु जीतते हैं, तो यह उनके राजनीतिक करियर के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा और 2027 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की स्थिति को मजबूत करेगा।


संजीव अरोड़ा की जीत से राज्यसभा में पंजाब की एक सीट खाली हो जाएगी, जिससे कयास लगाए जा रहे हैं कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल या पंजाब के प्रभारी मनीष सिसोदिया संसद में प्रवेश कर सकते हैं।


भाजपा और शिअद का प्रभाव

विशेषज्ञों के अनुसार, भाजपा के उम्मीदवार जीवन गुप्ता और अकाली दल के परउपकार सिंह घुम्मण भी चुनावी मैदान में हैं। भाजपा और शिअद का समीकरण चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उपचुनाव हमेशा सत्ताधारी दल के पक्ष में होते हैं, लेकिन 2024 में बरनाला उपचुनाव में आम आदमी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था।