लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को मिली नई जिम्मेदारी: जानें उनके कार्यों और उपलब्धियों के बारे में

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई की नई भूमिका
भारतीय सेना के प्रमुख चेहरे बन चुके लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को एक नई और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद उन्हें डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (Deputy Chief of Army Staff) के पद पर पदोन्नत किया गया है। इसके साथ ही, वे सैन्य अभियानों के महानिदेशक (Director General of Military Operations - DGMO) की भूमिका में भी बने रहेंगे। यह जानकारी सेना से जुड़े उच्च पदस्थ अधिकारियों ने सोमवार को साझा की।
मीडिया में चर्चित चेहरा बने घई
लेफ्टिनेंट जनरल घई उन कुछ सैन्य अधिकारियों में से हैं जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के दौरान मीडिया को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। 11 और 12 मई को, उन्होंने भारतीय वायु सेना और नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर प्रेस को अभियान से संबंधित जानकारियां दीं। उनकी गंभीरता और आत्मविश्वास से भरी प्रेस कॉन्फ्रेंस ने उन्हें देशभर में प्रसिद्ध बना दिया।
नई भूमिका में व्यापक जिम्मेदारी
राजीव घई की नई जिम्मेदारी में अब केवल सैन्य अभियानों तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि वे खुफिया गतिविधियों, रणनीतिक योजना निर्माण और सूचना युद्ध (Information Warfare) जैसे संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी और संचालन का भी कार्य संभालेंगे। यह दर्शाता है कि सेना उनके अनुभव और नेतृत्व क्षमता पर भरोसा कर रही है।
सम्मान और पुरस्कार
हाल ही में, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लेफ्टिनेंट जनरल घई को विशेष परिस्थितियों में उत्कृष्ट सेवा के लिए 'उत्तम युद्ध सेवा पदक' (Uttam Yudh Seva Medal) से सम्मानित किया। यह पदक उन्हें पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण हालात में कुशल नेतृत्व और प्रभावशाली निर्णय लेने के लिए दिया गया।
भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य वार्ता
जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हुई थी, तब डीजीएमओ राजीव घई और पाकिस्तान के डीजीएमओ मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला के बीच हॉटलाइन पर बातचीत हुई। इस वार्ता के बाद दोनों देशों ने संघर्षविराम (Ceasefire) पर सहमति जताई। 12 मई को एक बार फिर दोनों अधिकारियों के बीच बातचीत हुई ताकि सीजफायर की स्थिति को बनाए रखा जा सके।
भविष्य की चेतावनी
11 मई को मीडिया को संबोधित करते हुए राजीव घई ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि भारत ने अब तक संयम बरता है, लेकिन यदि भविष्य में देश की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता या नागरिकों की सुरक्षा को खतरा हुआ, तो भारतीय सेना किसी भी हमले का करारा जवाब देगी।