Newzfatafatlogo

लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने साझा की ऑपरेशन सिंदूर की महत्वपूर्ण जानकारी

फिक्की के एक कार्यक्रम में उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा की हैं। उन्होंने बताया कि भारत को पाकिस्तान, चीन और तुर्किए जैसे कई दुश्मनों का सामना करना पड़ा। जनरल सिंह ने चीन की सैन्य रणनीति और पाकिस्तान को मिलने वाले समर्थन पर भी प्रकाश डाला। इस लेख में जानें कि किस प्रकार ये देश भारत के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं और भारतीय सेना की प्रतिक्रिया क्या है।
 | 
लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने साझा की ऑपरेशन सिंदूर की महत्वपूर्ण जानकारी

ऑपरेशन सिंदूर पर महत्वपूर्ण जानकारी

फिक्की के एक कार्यक्रम में उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा की हैं। उन्होंने बताया कि भारत को केवल एक नहीं, बल्कि तीन से चार दुश्मनों का सामना करना पड़ा, जिसमें पाकिस्तान सबसे प्रमुख था। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि चीन ने पाकिस्तान को एक प्रयोगशाला के रूप में इस्तेमाल किया और उसे आगे बढ़ाया। भारतीय सेना ने चीन का नाम लेते हुए तुर्किए का भी उल्लेख किया, जहां तुर्किए के बैरिख्तर ड्रोन और लॉजिस्टिकल सपोर्ट के साथ-साथ प्रशिक्षित तकनीशियनों की मौजूदगी पर जोर दिया गया। उप सेना प्रमुख ने बताया कि किस प्रकार इस युद्ध के दौरान चीन और तुर्किए ने पाकिस्तान की सहायता की।


चीन की सैन्य रणनीति का उल्लेख

लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने चीन की प्राचीन सैन्य रणनीति और 'उधार के चाकू से दुश्मन को मारने' की तकनीक का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि बीजिंग ने भारत को नुकसान पहुँचाने के लिए पाकिस्तान को हर संभव सहायता प्रदान की। 'उधार के चाकू से मारने' का तात्पर्य है कि दुश्मन को हराने के लिए किसी तीसरे पक्ष का उपयोग करना, अर्थात् चीन ने पाकिस्तान को भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत वास्तव में तीन शत्रुओं का सामना कर रहा था, जिसमें पाकिस्तान और चीन के अलावा तुर्किए भी शामिल था, जो इस्लामाबाद को सैन्य सामग्री की आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा था।


पाकिस्तान और चीन के बीच संबंध

भारतीय सेना के क्षमता विकास और रखरखाव के कार्यों की देखरेख करने वाले उप सेना प्रमुख ने कहा कि इस्लामाबाद को बीजिंग का समर्थन कोई आश्चर्य की बात नहीं है, क्योंकि पाकिस्तानी सशस्त्र बलों का 81 प्रतिशत सैन्य साजो-सामान चीन से आता है। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कहा कि चीन सीधे टकराव में पड़ने के बजाय भारत को नुकसान पहुँचाने के लिए पड़ोसी देश का उपयोग करना पसंद करता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान केवल एक मोर्चा है, जबकि असली समर्थन चीन से मिल रहा है। पिछले पांच वर्षों के आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान को मिलने वाले सैन्य उपकरणों में से 81 प्रतिशत चीन से आ रहे हैं। तुर्किए ने भी पाकिस्तान को सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि युद्ध के दौरान कई ड्रोन की गतिविधियाँ देखी गईं।