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लॉस एंजेलेस में विरोध प्रदर्शनों के बीच अमेरिकी सेना की तैनाती

लॉस एंजेलेस में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के कारण अमेरिकी सेना ने लगभग 700 मरीन की तैनाती का निर्णय लिया है। गवर्नर गैविन न्यूज़ॉम के अनुरोध पर यह कदम उठाया गया है, ताकि स्थानीय कानून प्रवर्तन और नागरिक प्रशासन को सहायता मिल सके। इस तैनाती का उद्देश्य शहर में बढ़ती अशांति को नियंत्रित करना और सामान्य स्थिति को बहाल करना है। जानें इस स्थिति के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
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लॉस एंजेलेस में विरोध प्रदर्शनों के बीच अमेरिकी सेना की तैनाती

अमेरिकी सेना की तैनाती का निर्णय

कैलिफ़ोर्निया के लॉस एंजेलेस में चल रहे विरोध प्रदर्शनों और बढ़ती अशांति के मद्देनजर, अमेरिकी सेना ने लगभग 700 मरीन को तैनात करने का निर्णय लिया है। यह कदम राज्य के गवर्नर गैविन न्यूज़ॉम के अनुरोध पर उठाया गया है, जिन्होंने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सैन्य सहायता मांगी थी।

इन मरीन सैनिकों को स्थानीय कानून प्रवर्तन और नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए भेजा जा रहा है। शहर में बढ़ते तनाव और कुछ स्थानों पर हुई हिंसा के कारण यह निर्णय लिया गया है, ताकि कानून व्यवस्था को पुनर्स्थापित किया जा सके।

यह तैनाती एक आपातकालीन उपाय के रूप में देखी जा रही है, जिसका उद्देश्य भीड़ को नियंत्रित करना, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और शहर में सामान्य स्थिति को बहाल करना है। सैन्य टुकड़ियों की उपस्थिति से स्थानीय पुलिस और अन्य आपातकालीन सेवाओं पर पड़ने वाले दबाव को कम करने की उम्मीद है।

गवर्नर के अनुरोध के बाद, अमेरिकी रक्षा विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इन मरीन सैनिकों को लॉस एंजेलेस भेजने की अनुमति दी। इस प्रकार की सैन्य तैनाती आमतौर पर तब की जाती है जब नागरिक प्रशासन अकेले स्थिति को संभालने में असमर्थ होता है।

लॉस एंजेलेस में विरोध प्रदर्शनों ने गंभीर मोड़ ले लिया है, जिसके लिए अब बड़े पैमाने पर सुरक्षा बलों की आवश्यकता पड़ रही है, जिसमें अमेरिकी सेना के मरीन भी शामिल हैं।