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लोकपाल द्वारा बीएमडब्ल्यू कारों की निविदा पर विवाद

भारत के लोकपाल द्वारा बीएमडब्ल्यू कारों की खरीद के लिए निविदा जारी करने पर विवाद खड़ा हो गया है। इस निविदा ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में लोकपाल की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें कई प्रमुख व्यक्तियों ने लोकपाल की आलोचना की है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा जा रहा है।
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लोकपाल द्वारा बीएमडब्ल्यू कारों की निविदा पर विवाद

लोकपाल की बीएमडब्ल्यू कारों के लिए निविदा


लोकपाल द्वारा बीएमडब्ल्यू कारों की निविदा: भारत के लोकपाल ने हाल ही में एक सार्वजनिक निविदा जारी की है, जो विवाद का कारण बन गई है। लोकपाल ने सात उच्च-स्तरीय बीएमडब्ल्यू 330 Li (लॉन्ग व्हील बेस) गाड़ियों की खरीद का प्रस्ताव रखा है, जिससे चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। 16 अक्टूबर को जारी निविदा आमंत्रण ने लोकपाल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं और लोगों में आक्रोश पैदा किया है।


निविदा में उल्लेख किया गया है, 'भारत के लोकपाल को सात बीएमडब्ल्यू 3 सीरीज़ एलआई कारों की आपूर्ति के लिए प्रतिष्ठित एजेंसियों से खुली निविदाएं आमंत्रित की जाती हैं।' बोली जमा करने की प्रक्रिया 17 अक्टूबर से शुरू होगी और अंतिम तिथि 6 नवंबर दोपहर 3 बजे है। मूल्यांकन प्रक्रिया 7 नवंबर से प्रारंभ होगी।


प्रत्येक कार की कीमत ₹60 लाख से अधिक

लोकपाल द्वारा बीएमडब्ल्यू कारों की निविदा पर विवाद
Lokpal Tender for BMW Cars


प्रत्येक बीएमडब्ल्यू कार की कीमत ₹60 लाख से अधिक है। लोकपाल ने स्पष्ट किया है कि इन कारों की डिलीवरी, ऑर्डर मिलने के दो हफ्ते के भीतर होनी चाहिए, और 30 दिन से अधिक की देरी नहीं होनी चाहिए। नोटिस में यह भी कहा गया है कि समय सीमा में कोई वृद्धि नहीं की जाएगी।


इसके अलावा, लोकपाल ने चयनित विक्रेता से भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल के चालकों और अन्य कर्मचारियों के लिए एक व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने की अपेक्षा की है। यह प्रशिक्षण कम से कम सात दिनों का होना चाहिए और कारों की डिलीवरी की तारीख से 15 दिनों के भीतर पूरा किया जाना चाहिए। प्रशिक्षण कार्यक्रम में कक्षा सत्र और सड़क पर व्यावहारिक सत्र दोनों शामिल होंगे।


नोटिस में यह भी उल्लेख किया गया है कि प्रशिक्षण कार्यक्रम की सभी लागत, जिसमें प्रशिक्षक का मानदेय, यात्रा, आवास (यदि आवश्यक हो), ईंधन, सामग्री और रसद शामिल हैं, विक्रेता द्वारा वहन की जानी चाहिए।


सोशल मीडिया पर लोगों का आक्रोश

सोशल मीडिया पर लोगों ने जताया रोष: लोकपाल की इस मांग को लेकर सोशल मीडिया पर भारी आक्रोश देखा गया। कार्यकर्ता और वकील प्रशांत भूषण सहित कई यूजर्स ने भ्रष्टाचार विरोधी निकाय की आलोचना की। उन्होंने लिखा कि मोदी सरकार ने लोकपाल जैसी संस्था को कई वर्षों तक खाली रखा और फिर ऐसे सदस्यों को नियुक्त किया जो भ्रष्टाचार से बेपरवाह हैं। अब वे अपने लिए 70 लाख की बीएमडब्ल्यू कारें खरीद रहे हैं।


कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने भी लोकपाल पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, 'लोकपाल अपने लिए ₹5 करोड़ की 7 लग्ज़री बीएमडब्ल्यू कारें खरीदना चाहता है। यह वही संस्था है जिसे तथाकथित 'इंडिया अगेंस्ट करप्शन' आंदोलन के बाद भ्रष्टाचार से लड़ना था।'