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लोकसभा में पहलगाम आतंकी हमले पर गरमाई बहस, कांग्रेस ने उठाए गंभीर सवाल

लोकसभा में पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता गौरव गोगई ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पर तीखा हमला किया। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार 100 दिन बीतने के बाद भी आतंकवादियों को क्यों नहीं पकड़ पाई। गोगई ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पहलगाम जाने के बजाय बिहार में चुनावी भाषण दिया। उन्होंने सरकार से पूछा कि युद्ध का मकसद क्यों नहीं होना चाहिए था। जानें पूरी बहस के मुख्य बिंदु और विपक्ष के सवाल।
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लोकसभा में पहलगाम आतंकी हमले पर गरमाई बहस, कांग्रेस ने उठाए गंभीर सवाल

रक्षा मंत्री पर विपक्ष का हमला

नई दिल्ली। लोकसभा में पहलगाम में हुए आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चर्चा की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर भी निशाना साधा। कांग्रेस के गौरव गोगई ने इस चर्चा में भाग लेते हुए रक्षामंत्री पर तीखा पलटवार किया। उन्होंने सवाल उठाया कि रक्षा मंत्री ने सदन को यह क्यों नहीं बताया कि पहलगाम के बैसरन में आतंकवादी कैसे पहुंचे?

गोगई ने कहा कि देश जानना चाहता है कि 100 दिन बीतने के बाद भी सरकार पहलगाम के आतंकवादियों को क्यों नहीं पकड़ पाई। उन्होंने सवाल किया कि आतंकियों को किसने पनाह दी और किसने उन्हें भागने में मदद की? 100 दिन बीत जाने के बावजूद सरकार के पास इन सवालों का कोई जवाब नहीं है।

उन्होंने आगे कहा कि गृहमंत्री को पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश से लौटने के बाद पहलगाम जाने के बजाय बिहार में चुनावी भाषण देने चले गए। गोगई ने कहा कि रक्षा मंत्री ने बहुत कुछ कहा, लेकिन यह नहीं बताया कि आतंकवादी पहलगाम में कैसे पहुंचे।

गौरव गोगई ने यह भी कहा कि मोदी सरकार में भारत के नागरिकों पर कई दर्दनाक आतंकी हमले हुए हैं, जैसे उरी, पुलवामा और पहलगाम। उन्होंने सरकार से पूछा कि युद्ध का मकसद क्यों नहीं होना चाहिए था।

उन्होंने CDS अनिल चौहान के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि यह जानना जरूरी है कि जेट क्यों गिरे। उन्होंने सवाल उठाया कि हमारे पास बेहतरीन लड़ाकू जहाज और पायलट होने के बावजूद क्या हालात बने कि हमें दूर से ही हमला करना पड़ा।

गोगई ने कहा कि इंडोनेशिया में ग्रुप कैप्टन शिव कुमार ने कहा कि भारत ने लड़ाकू जहाज इसलिए खोए क्योंकि मिलिट्री टारगेट पर आक्रमण करने की पाबंदी थी। उन्होंने सरकार से पूछा कि आखिर यह पाबंदी क्यों थी।

उन्होंने अंत में कहा कि सरकार को सच बताना चाहिए। हम सरकार के दुश्मन नहीं हैं, बल्कि देश और जवानों के पक्ष में बोल रहे हैं।