लोकसभा में रोजगार गारंटी कानून का पास होना: विपक्ष का विरोध जारी
नई रोजगार गारंटी कानून का पारित होना
नई दिल्ली। लोकसभा में भारी हंगामे और विपक्ष के विरोध के बीच गुरुवार को रोजगार गारंटी का नया कानून पारित किया गया। इस कानून का नाम विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) या वीबी जी राम जी बिल रखा गया है। यह बिल महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना, जिसे मनरेगा के नाम से जाना जाता है, की जगह लेगा। बुधवार की शाम को इस पर चर्चा शुरू हुई, जो आधी रात के बाद तक चली, और फिर गुरुवार को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस पर जवाब दिया। उनके जवाब के बाद इसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। शुक्रवार को शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन इसे राज्यसभा में भी पास कराया जा सकता है.
विपक्ष का स्थायी समिति में भेजने का आग्रह
गुरुवार को लोकसभा में विपक्षी दलों ने एक बार फिर इस बिल को स्थायी समिति को भेजने का अनुरोध किया। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने यह मांग की, लेकिन स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि इस पर 14 घंटे से अधिक चर्चा हो चुकी है, इसलिए इसे स्थायी समिति के पास नहीं भेजा जा सकता।
विपक्ष का हंगामा और नारेबाजी
शिवराज सिंह चौहान के जवाब के दौरान विपक्ष ने बिल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। विपक्षी सांसद वेल में पहुंच गए और कागज फेंके। हंगामे के बीच बिल ध्वनि मत से पारित हो गया। चौहान ने कहा, 'मनरेगा का नाम पहले महात्मा गांधी के नाम पर नहीं रखा गया था। यह पहले नरेगा थी।' उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने गांधीजी की कभी नहीं मानी।
विपक्ष का मार्च और मनीष तिवारी की टिप्पणी
विपक्ष के सांसदों ने बिल के विरोध में संसद परिसर में मार्च निकाला, जिसमें 50 से अधिक सांसद शामिल हुए और बिल वापस लेने की मांग की। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, 'आप महात्मा गांधी का अपमान कर रहे हैं।' उन्होंने यह भी कहा कि महात्मा गांधी के नाम पर शुरू की गई योजना, जो करोड़ों गरीबों के लिए सामाजिक सुरक्षा का काम करती है, उसे खत्म करने पर क्यों अड़े हुए हैं।
