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लोकसभा में वंदे मातरम के 150 साल: अखिलेश यादव का भाजपा पर आरोप

लोकसभा के शीतकालीन सत्र में वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर विशेष चर्चा हुई। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वे महापुरुषों को अपनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने वंदे मातरम के महत्व और इसके ऐतिहासिक संदर्भ पर प्रकाश डाला। जानें इस चर्चा में और क्या कहा गया।
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लोकसभा में वंदे मातरम के 150 साल: अखिलेश यादव का भाजपा पर आरोप

वंदे मातरम पर विशेष चर्चा

भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर लोकसभा के शीतकालीन सत्र में विशेष चर्चा आयोजित की गई। इस दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया कि वे सब कुछ अपनाने की कोशिश कर रहे हैं।


अखिलेश यादव ने कहा, “हम इस अवसर पर वंदे मातरम को याद कर रहे हैं, जो हमें गर्वित करता है। हमें बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय को भी याद करना चाहिए, जिन्होंने इस अद्भुत गीत को लिखा, जिसने लाखों लोगों को जागरूक किया और उनमें उत्साह भरा।


उन्होंने आगे कहा, “जब हम आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे, वंदे मातरम हमें ऊर्जा और प्रेरणा देता था। यह गीत हमें एकजुट करता था और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने का माध्यम बनता था। रवींद्रनाथ टैगोर ने जब इसे कलकत्ता के कांग्रेस अधिवेशन में गाया, तब यह आम जनता के बीच भी लोकप्रिय हो गया। हर बार जब हमें अंग्रेजों के खिलाफ लड़ना होता था, वंदे मातरम का नारा हमें जोड़ता था।


अखिलेश यादव ने कहा, “हमने वंदे मातरम के माध्यम से लोगों को एकजुट किया, जिससे अंग्रेज घबरा गए। जब भी उन्होंने देखा कि यह नारा लगाया जा रहा है, उन्होंने देशद्रोह के आरोप में लोगों को जेल भेजा। बंगाल में जब बच्चों ने यह गीत गाया, तब भी अंग्रेजों ने उन पर मुकदमा किया। हालांकि, हमारे लोग इसे आगे बढ़ाते रहे।


उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा, “भाजपा हमेशा कुछ न कुछ अपनाने की कोशिश करती है। जब हम इस खास मौके पर वंदे मातरम को याद कर रहे हैं, तो हमें यह देखना चाहिए कि सत्ता पक्ष में ऐसे महापुरुषों को अपनाने की कोशिश की जा रही है जो उनके नहीं हैं। उनकी पार्टी के गठन के समय भी इस बात पर बहस हुई थी कि वे सेक्युलर रास्ते पर चलेंगे या नहीं।