Newzfatafatlogo

वडोदरा की यास्मीन वोहरा का लंदन सफर बना त्रासदी, जानें पूरी कहानी

वडोदरा की 51 वर्षीय यास्मीन वोहरा का लंदन सफर एक भयानक विमान दुर्घटना में बदल गया। 12 जून को यात्रा के दौरान, एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 ने एक मेडिकल हॉस्टल से टकरा गई, जिसमें 266 लोगों की जान गई। यास्मीन के पति यासीन इस दुखद घटना के बाद अस्पताल में अपनी पत्नी की पहचान का इंतजार कर रहे हैं। जानें इस त्रासदी की पूरी कहानी और यास्मीन के परिवार की स्थिति।
 | 
वडोदरा की यास्मीन वोहरा का लंदन सफर बना त्रासदी, जानें पूरी कहानी

यास्मीन वोहरा का दुखद लंदन सफर

वडोदरा की 51 वर्षीय यास्मीन वोहरा का लंदन की यात्रा, जो उन्होंने अपनी गर्भवती बहुओं की देखभाल के लिए की थी, एक भयानक हादसे में बदल गई। उनकी यात्रा 9 जून को निर्धारित थी, लेकिन घर की जिम्मेदारियों के कारण इसे 12 जून तक टालना पड़ा। किसी को नहीं पता था कि यह निर्णय उनके जीवन का अंतिम निर्णय बन जाएगा।


यास्मीन ने लंदन जाने के लिए बड़े उत्साह से तैयारी की थी। उन्होंने बहुओं के लिए पारंपरिक सुपरफूड्स, खिलौने, लिपस्टिक और कपड़े पैक किए थे। यह एक नई खुशियों की शुरुआत होनी थी, लेकिन इसके बजाय उन्हें केवल दुख और मातम का सामना करना पड़ा।


हादसे की भयावहता: AI171

मौत की उड़ान: AI171


गुरुवार दोपहर, यास्मीन वोहरा एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 में सवार हुईं, जो अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही थी। लेकिन उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद, बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास मेघाणी नगर में एक मेडिकल हॉस्टल से टकरा गया। इस दुर्घटना ने घनी आबादी वाले क्षेत्र में अफरातफरी मचा दी।


इस दर्दनाक घटना में विमान में सवार 242 यात्रियों सहित कुल 266 लोगों की जान चली गई। यास्मीन के साथ उनके भतीजे परवेज भी यात्रा कर रहे थे, जिनकी भी इस हादसे में मृत्यु हो गई। परवेज की पत्नी गर्भवती हैं और उन्हें अभी तक अपने पति की मौत की सूचना नहीं दी गई है।


अस्पताल में इंतजार

अस्पताल के बाहर इंतजार


यास्मीन के पति यासीन वोहरा इस समय अहमदाबाद के सिविल अस्पताल के पीएम सेंटर के बाहर तपती धूप में DNA प्रोफाइलिंग का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'हमने उन्हें एयरपोर्ट पर छोड़कर जैसे ही आनंद पहुंचे, हमें हादसे की खबर मिली।' यासीन ने बताया, 'जब मैंने सुना कि विमान में 1.25 लाख लीटर फ्यूल था, तब मुझे समझ आ गया था कि शायद मैं उन्हें फिर कभी नहीं देख पाऊंगा। फिर भी मैं अस्पताल गया, शायद कोई चमत्कार हो जाए। लेकिन वहां केवल जले हुए शरीर और घायल लोग थे।'


अंतिम विदाई

अलविदा कह कर गई थी


यासीन अब अपने फोन में बार-बार वो सीसीटीवी फुटेज देखते हैं जिसमें यास्मीन अपने पड़ोसियों को विदा कह रही थीं। 'वो सबको माफी मांग रही थी, कह रही थी कि अगर कभी कुछ गलत कहा हो तो माफ कर देना... हमें नहीं पता था कि वो सच में आखिरी विदाई दे रही थी। उनकी पोतियां आज भी पूछती हैं, 'दादी कहां हैं? हमारे गिफ्ट्स कहां हैं?' यासीन के पास कोई जवाब नहीं है, बस एक भारी दिल और टूटे हुए सपने हैं।


अंतिम सफर की तैयारी


अब यासीन केवल यही चाहते हैं कि यास्मीन की पहचान हो जाए, ताकि वे उन्हें अंतिम विदाई दे सकें। 'ये मेरी जिंदगी का सबसे लंबा और सबसे भारी सफर होगा, जब मैं अपनी पत्नी को अंतिम बार घर लाऊंगा।'