Newzfatafatlogo

वाराणसी से कोलकाता तक एक्सप्रेसवे का निर्माण: विकास की नई राह

वाराणसी से कोलकाता के बीच बन रहे एक्सप्रेसवे का निर्माण तेजी से चल रहा है, जो 18 जिलों से होकर गुजरेगा। यह परियोजना व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ यात्रा के समय को भी कम करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसकी आधारशिला रखी गई थी, और इसके निर्माण से कृषि, औद्योगिक विकास और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होने की उम्मीद है। जानें इस एक्सप्रेसवे के बारे में और इसके संभावित लाभों के बारे में।
 | 
वाराणसी से कोलकाता तक एक्सप्रेसवे का निर्माण: विकास की नई राह

वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे का मार्ग मानचित्र


वाराणसी से कोलकाता के बीच एक्सप्रेसवे का निर्माण तेजी से प्रगति पर है। यह परियोजना 13 चरणों में पूरी होगी, जिसमें पहले चरण का कार्य वाराणसी से कैमूर के चैनपुर तक 27 किलोमीटर की दूरी पर चल रहा है। भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा हो चुका है और निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस एक्सप्रेसवे से व्यापारिक और पर्यटन दोनों क्षेत्रों को लाभ होगा। यह निर्माण भारतमाला परियोजना के अंतर्गत किया जा रहा है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 में इस एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखी थी। इसकी कुल लंबाई 610 से 690 किलोमीटर होने की संभावना है। वर्तमान में इस यात्रा में 12 से 14 घंटे का समय लगता है, लेकिन इस एक्सप्रेसवे के बनने से यह समय घटकर 6 से 7 घंटे रह जाएगा। यह मार्ग उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होकर गुजरेगा।


18 जिलों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेसवे


यह एक्सप्रेसवे वाराणसी से शुरू होकर चंदौली के बाद बिहार में प्रवेश करेगा, जहां भभुआ, सासाराम, औरंगाबाद, और गया जैसे स्थान शामिल हैं। इसके बाद यह झारखंड में चतरा, हजारीबाग, रामगढ़, रांची, और बोकारो से होकर गुजरेगा। अंत में, यह पश्चिम बंगाल में पुरुलिया, बांकुरा, बिष्णुपुर, पंसकुरा, हल्दिया, डायमंड हार्बर और कोलकाता तक पहुंचेगा। इस प्रकार, यह एक्सप्रेसवे 18 जिलों से होकर गुजरेगा।


इस एक्सप्रेसवे का निर्माण 35 हजार करोड़ रुपये की लागत से ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के तहत किया जाएगा। इसका सबसे बड़ा हिस्सा 323 किलोमीटर पश्चिम बंगाल में होगा, जबकि उत्तर प्रदेश में सबसे छोटा हिस्सा 22 किलोमीटर का है। बिहार में 169 किलोमीटर और झारखंड में 196 किलोमीटर का निर्माण होना है। इस पूरे प्रोजेक्ट को 13 चरणों में पूरा किया जाएगा।


कृषि और रोजगार को मिलेगा विस्तार


इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से यूपी, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के 18 जिलों का विकास होगा। लोग 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा कर सकेंगे। इसके निर्माण से कृषि, औद्योगिक विकास, अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी और हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। लाखों लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी भी प्राप्त होगी।