विजय माल्या और नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की नई जानकारी: ब्रिटेन की टीम ने तिहाड़ जेल का दौरा किया

प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में प्रगति
विजय माल्या-नीरव मोदी प्रत्यर्पण अपडेट: भगोड़े विजय माल्या और नीरव मोदी को भारत लाने की प्रक्रिया जारी है। इस संदर्भ में, ब्रिटेन की एक टीम ने तिहाड़ जेल का दौरा किया है। ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) के सदस्यों ने तिहाड़ जेल की सुविधाओं का निरीक्षण किया। इस दौरे का उद्देश्य यह साबित करना है कि भारत में प्रत्यर्पित आरोपियों को तिहाड़ जेल में सुरक्षित और उचित माहौल मिलेगा।
तिहाड़ जेल में कैदियों से बातचीत
ब्रिटेन की CPS टीम ने तिहाड़ जेल के हाई-सिक्योरिटी वार्ड का दौरा किया और वहां मौजूद कैदियों से बातचीत की। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि यदि आवश्यक हुआ, तो जेल परिसर में विशेष एन्क्लेव बनाया जाएगा, जहां विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे हाई-प्रोफाइल आरोपी सुरक्षित रह सकेंगे। दरअसल, ब्रिटेन की अदालत में भारत द्वारा दायर भगोड़ों के प्रत्यर्पण की याचिका खारिज हो गई थी। इसलिए भारत ने अदालत को आश्वस्त किया है कि प्रत्यर्पित आरोपियों के साथ जेल में न तो मारपीट होगी और न ही अवैध पूछताछ की जाएगी।
ब्रिटेन में लंबित प्रत्यर्पण याचिकाएं
भारत ने लगभग 178 प्रत्यर्पण याचिकाएं दायर की हैं, जिनमें से 20 याचिकाएं ब्रिटेन में लंबित हैं। इनमें विजय माल्या, जो 9000 करोड़ के घोटाले का आरोपी है, और नीरव मोदी, जो PNB के 14000 करोड़ के घोटाले में शामिल है, शामिल हैं। दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले दर्ज हैं। साल 2020 से इन दोनों के प्रत्यर्पण की कोशिशें चल रही हैं।
विजय माल्या का परिचय
विजय माल्या एक भारतीय व्यवसायी हैं और किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व चेयरमैन रह चुके हैं। उन पर 9000 करोड़ के बैंक लोन की धोखाधड़ी का आरोप है। 2016 में, विजय ने गिरफ्तारी से बचने के लिए भारत छोड़कर ब्रिटेन का रुख किया, जिसके बाद उन्हें भगोड़ा घोषित किया गया। ब्रिटेन की सरकार ने विजय माल्या के प्रत्यर्पण की याचिका को 2020 में मंजूरी दी थी, लेकिन यह अभी भी लंबित है।
नीरव मोदी का परिचय
नीरव मोदी एक हीरा व्यापारी हैं और उन पर पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के 14000 करोड़ के लोन का गबन करने का आरोप है। उनके खिलाफ धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले भी दर्ज हैं। नीरव मोदी 2019 से लंदन की जेल में कैद हैं, और उनकी 10 जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं। ब्रिटेन की उच्च न्यायालय ने नीरव के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी है, लेकिन यह प्रक्रिया अभी भी लंबित है।