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विदेश मंत्री जयशंकर का बयान: पड़ोसियों से संबंधों में सहजता की उम्मीद नहीं करनी चाहिए

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों में सहजता की उम्मीद न रखने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि सहयोग से पड़ोसियों को लाभ होगा, लेकिन पाकिस्तान की स्थिति अलग है। अमेरिका और चीन के बदलते रुख पर भी उन्होंने अपने विचार साझा किए। जानें उनके महत्वपूर्ण बयानों के बारे में।
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विदेश मंत्री जयशंकर का बयान: पड़ोसियों से संबंधों में सहजता की उम्मीद नहीं करनी चाहिए

जयशंकर का पड़ोसियों के साथ संबंधों पर बयान


नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमें अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों में हमेशा सहजता की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि पड़ोसियों के साथ रिश्ते हमेशा सरल नहीं होते हैं। जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि नई दिल्ली ने सामूहिक हितों को बढ़ावा देने के लिए स्थिरता बनाने का प्रयास किया है।


सहयोग से पड़ोसियों को होगा लाभ

जयशंकर ने एक रणनीतिक विशेषज्ञ के साथ बातचीत में कहा कि सभी पड़ोसियों को यह समझना चाहिए कि यदि वे भारत के साथ सहयोग करते हैं, तो उन्हें लाभ होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसा न करने पर उन्हें नकारात्मक परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। कुछ देशों को यह समझने में अधिक समय लगता है, जबकि अन्य इसे जल्दी समझ लेते हैं।


पाकिस्तान की स्थिति पर टिप्पणी

विदेश मंत्री ने पाकिस्तान का उल्लेख करते हुए कहा कि यह एक अपवाद है, क्योंकि उसने अपनी पहचान को सेना के तहत परिभाषित किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अंतर्निहित शत्रुता है, इसलिए यदि इसे एक तरफ रख दिया जाए, तो यह तर्क अन्य पड़ोसी देशों पर भी लागू होता है।


अमेरिका और चीन के बदलते रुख पर विचार

अमेरिका और चीन के रुख में आए बदलावों पर जयशंकर ने कहा कि अमेरिका में अनिश्चितता है, इसलिए हमें अपने संबंधों को स्थिर रखने के लिए अधिकतम प्रयास करना चाहिए। चीन के संदर्भ में, उन्होंने कहा कि यदि हमें इस देश के सामने खड़ा होना है, तो हमें अपनी क्षमताओं को मजबूत करना आवश्यक है।