विदेश मंत्री जयशंकर ने यूरोप में पाकिस्तान पर किया जोरदार हमला
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में यूरोप में पाकिस्तान पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिससे वहां की एक प्रमुख महिला नेता भी हैरान रह गईं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह संघर्ष केवल दो देशों का नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एक प्रतिक्रिया है। जयशंकर ने 'भारत बनाम आतंकिस्तान' के दृष्टिकोण से बात की और आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की आवश्यकता पर जोर दिया। उनकी वाकपटुता और स्पष्टता ने एक बार फिर से लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। जानें इस बयान के पीछे की पूरी कहानी और यूरोप में उनकी प्रतिक्रिया।
Jun 14, 2025, 13:40 IST
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जयशंकर की वाकपटुता पर चर्चा
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर अपनी तेज़-तर्रार वाकपटुता के लिए विश्वभर में जाने जाते हैं। उनकी बातें अक्सर मीडिया और सोशल प्लेटफॉर्म पर चर्चा का विषय बनती हैं। लोग उनके सीधे और स्पष्ट संवाद को पसंद करते हैं। हाल ही में, उन्होंने यूरोप में पाकिस्तान पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिससे वहां की एक प्रमुख महिला नेता भी चकित रह गईं। यह महिला 20 सेकंड तक जयशंकर को देखती रहीं और अंत में रहस्यमय मुस्कान के साथ प्रतिक्रिया दी।
ब्रसेल्स में प्रेस कॉन्फ्रेंस
जयशंकर ने यूरोप के दौरे के दौरान बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ की विदेश मामलों की प्रमुख काजा काल्लास से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद, उन्होंने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया। एक पत्रकार ने उनसे भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे संघर्ष के समाधान के बारे में पूछा। इस पर जयशंकर ने स्पष्ट किया कि यह केवल दो देशों का विवाद नहीं है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एक प्रतिक्रिया है।
आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति
उन्होंने कहा कि इसे 'भारत बनाम आतंकिस्तान' के रूप में देखना चाहिए। जयशंकर ने आतंकवाद के सभी रूपों के प्रति जीरो टॉलरेंस की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि न्यूक्लियर ब्लैकमेल के आगे झुकना स्वीकार्य नहीं है। यह एक वैश्विक चुनौती है, जिसके लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बातचीत केवल देशों के साथ होती है, आतंकियों के साथ नहीं।
काजा काल्लास की प्रतिक्रिया
जयशंकर के इस जवाब को सुनकर काजा काल्लास ने 23 सेकंड तक उन्हें हैरानी से देखा और फिर मुस्कुरा दीं। जयशंकर ने कई मौकों पर अपनी वाकपटुता से लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। चाहे मानवाधिकारों का मुद्दा हो या रूस से गैस की खरीद, उन्होंने हमेशा स्पष्टता से अपनी बात रखी है।
यूरोप के साथ भारत का संबंध
जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत के चीन के साथ संबंध चुनौतीपूर्ण हैं, लेकिन यूरोप इस पर चुप्पी साधे हुए है। उनके इस बयान ने यूरोप में एक नई चर्चा को जन्म दिया है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
Today, we hosted the first ever EU–India Strategic Dialogue.
— Kaja Kallas (@kajakallas) June 10, 2025
This is a big step forward for our partnership — tackling issues such as maritime security, space and paving the way for deeper defence cooperation.
My press conference with @DrSJaishankar ↓ pic.twitter.com/YDkIIXbBNX