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विश्व तंबाकू निषेध दिवस: तंबाकू छोड़ने के अद्भुत लाभ

विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर, हम तंबाकू छोड़ने के अद्भुत लाभों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। जानें कि कैसे तंबाकू का सेवन स्वास्थ्य को प्रभावित करता है और इसे छोड़ने से शरीर में क्या सकारात्मक परिवर्तन होते हैं। 20 मिनट से लेकर 20 साल तक के बदलावों का विवरण जानकर आप भी तंबाकू छोड़ने के लिए प्रेरित हो सकते हैं।
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विश्व तंबाकू निषेध दिवस: तंबाकू छोड़ने के अद्भुत लाभ

विश्व तंबाकू निषेध दिवस

विश्व तंबाकू निषेध दिवस: हर साल 31 मई को मनाया जाने वाला यह दिन, इस वर्ष WHO द्वारा 'Unmasking the appeal: exposing industry tactics on tobacco and nicotine products' थीम के तहत मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य तंबाकू उद्योग की प्रचार रणनीतियों को उजागर करना है।


तंबाकू छोड़ने के फायदे

तंबाकू का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, लेकिन कई लोग इसके आदी हो जाते हैं। इसलिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि तंबाकू छोड़ने से हमारे शरीर में क्या सकारात्मक परिवर्तन होते हैं। यहाँ तंबाकू छोड़ने के बाद 20 मिनट से लेकर 20 साल तक के बदलावों का विवरण दिया गया है।


20 मिनट बाद

तंबाकू छोड़ने के 20 मिनट बाद, आपका दिल और रक्तचाप सामान्य स्तर पर लौट आते हैं। रक्त संचार में सुधार शुरू होता है, जिससे शरीर तंबाकू की अनुपस्थिति पर तुरंत प्रतिक्रिया करता है।


12 घंटे बाद

धूम्रपान में मौजूद हानिकारक गैस, कार्बन मोनोऑक्साइड, रक्त से बाहर निकलने लगती है। इसके परिणामस्वरूप, शरीर में ऑक्सीजन का स्तर सामान्य हो जाता है, जिससे दिल और फेफड़ों पर दबाव कम होता है।


24 घंटे बाद

तंबाकू छोड़ने के 24 घंटे बाद, दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम होना शुरू हो जाता है। शरीर तंबाकू से जुड़े विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में जुट जाता है।


48 घंटे बाद

तंत्रिका अंत (nerve endings) फिर से विकसित होने लगते हैं, जिससे स्वाद और गंध की समझ में सुधार होता है। इस समय तक शरीर से सभी नशीले तत्व निकल चुके होते हैं।


1 से 3 महीने बाद

फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार शुरू होता है। सांस लेना आसान हो जाता है, शारीरिक सहनशक्ति बढ़ती है और ऊर्जा स्तर में वृद्धि होती है क्योंकि रक्त संचार और फेफड़ों की क्षमता में सुधार होता है।


9 महीने बाद

फेफड़ों में पाए जाने वाले cilia फिर से बढ़ने लगते हैं और अच्छे से काम करने लगते हैं। इससे कफ और संक्रमण को साफ करने में मदद मिलती है और खांसी कम हो जाती है।


1 साल बाद

कोरोनरी हार्ट डिजीज (दिल की बीमारी) का खतरा वर्तमान धूम्रपान करने वालों की तुलना में आधा हो जाता है। दिल, रक्त वाहिकाओं और फेफड़ों की मरम्मत प्रक्रिया जारी रहती है।


5 साल बाद

स्ट्रोक का खतरा काफी कम हो जाता है और यह नॉन-स्मोकर्स के स्तर पर पहुंच सकता है। मुंह, गले, आंत और मूत्राशय के कैंसर का खतरा भी घट जाता है।


10 साल बाद

फेफड़ों के कैंसर से मरने का खतरा धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के मुकाबले लगभग आधा हो जाता है। इसके अलावा, गले और अग्न्याशय के कैंसर का खतरा भी कम हो जाता है।


15 से 20 साल बाद

इस समय तक, कोरोनरी हार्ट डिजीज का खतरा लगभग उतना ही हो जाता है, जितना कि कभी न धूम्रपान करने वालों का होता है। स्ट्रोक और कई प्रकार के कैंसर का खतरा भी न्यूनतम स्तर पर पहुंच जाता है।


महत्वपूर्ण जानकारी

यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें।