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वीरेंद्र सहवाग की क्रिकेट यात्रा: संन्यास से वापसी तक

वीरेंद्र सहवाग, भारत के महान ओपनिंग बल्लेबाज, ने 2011 विश्व कप से पहले वनडे क्रिकेट से संन्यास लेने का विचार किया था। महेंद्र सिंह धोनी द्वारा लंबे समय तक प्लेइंग-11 से बाहर रखने के बाद, सचिन तेंदुलकर की सलाह ने उनकी सोच को बदल दिया। सहवाग ने अपनी वापसी की और 2011 विश्व कप में भारत की ऐतिहासिक जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जानें कैसे उन्होंने अपने करियर को नई दिशा दी।
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वीरेंद्र सहवाग की क्रिकेट यात्रा: संन्यास से वापसी तक

वीरेंद्र सहवाग का संन्यास का विचार

वीरेंद्र सहवाग: भारत के प्रमुख ओपनिंग बल्लेबाजों में से एक वीरेंद्र सहवाग ने एक बार यह खुलासा किया कि 2011 के विश्व कप से पहले उन्होंने वनडे क्रिकेट से संन्यास लेने का विचार किया था। उस समय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने उन्हें लंबे समय तक प्लेइंग-11 से बाहर रखा था। हालांकि, क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर की सलाह ने न केवल उनकी सोच को बदला बल्कि उनके करियर को भी नई दिशा दी।


कॉमनवेल्थ बैंक सीरीज में सहवाग का प्रदर्शन

2007-08 में ऑस्ट्रेलिया में आयोजित कॉमनवेल्थ बैंक सीरीज में सहवाग का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा। उन्होंने पहले पांच मैचों में केवल 81 रन बनाए, जिसमें उनका सर्वोच्च स्कोर 33 रन था। उनका औसत मात्र 16.20 रहा। इसके बाद धोनी ने उन्हें अंतिम तीन मैचों के लिए टीम से बाहर कर दिया। भारत ने उस सीरीज में श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया को हराकर खिताब जीता, लेकिन सहवाग के लिए यह समय निराशाजनक था।


सहनशीलता का महत्व

सहवाग का संन्यास का निर्णय


सहवाग ने बताया, "उस सीरीज में पहले कुछ मैचों के बाद मुझे बाहर कर दिया गया। मुझे लगा कि अगर मैं प्लेइंग-11 का हिस्सा नहीं बन सकता, तो वनडे क्रिकेट खेलने का कोई मतलब नहीं है।"


सचिन तेंदुलकर की सलाह

सचिन की सलाह ने दिखाया रास्ता


निराशा के उस दौर में सहवाग ने अपने साथी और दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर से बात की। उन्होंने सचिन को बताया कि वह वनडे क्रिकेट से संन्यास लेने की सोच रहे हैं। लेकिन सचिन ने उन्हें धैर्य रखने की सलाह दी।


सहवाग ने अपने उन दिनों को याद करते हुए कहा, "सचिन ने मुझे बताया कि 1999-2000 में वह भी ऐसी ही स्थिति से गुजरे थे। उस समय उन्हें भी लगा था कि क्रिकेट छोड़ देना चाहिए लेकिन वह दौर बीत गया। तेंदुलकर ने मुझे सलाह दी कि भावनाओं में कोई बड़ा फैसला न लूं। कुछ समय और 1-2 सीरीज तक इंतजार करूं और फिर फैसला लूं।"


सहवाग की शानदार वापसी

शानदार वापसी और वर्ल्ड कप की जीत


सहवाग ने छह महीने बाद किटप्ले कप में वापसी की, जहां उन्होंने तीन मैचों में 150 रन बनाए, जिसमें दो अर्धशतक शामिल थे। इसके बाद उनकी फॉर्म शानदार रही। 2011 वर्ल्ड कप में भी उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया और भारत ने वह ऐतिहासिक खिताब जीता। सहवाग ने अपने करियर में 251 वनडे मैचों में 8273 रन बनाए और एक आक्रामक बल्लेबाज के रूप में अपनी पहचान बनाई।