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वीरेंद्र सहवाग ने BCCI के फैसले पर उठाए सवाल, दिग्वेश राठी को बैन को बताया गलत

पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने BCCI के दिग्वेश राठी पर एक मैच का बैन लगाने के निर्णय पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने धोनी और कोहली के उदाहरणों का हवाला देते हुए BCCI के दोहरे मानदंडों की आलोचना की। सहवाग का मानना है कि दिग्वेश को माफ किया जा सकता था, क्योंकि वह पहली बार IPL खेल रहे हैं। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और सहवाग की राय।
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वीरेंद्र सहवाग ने BCCI के फैसले पर उठाए सवाल, दिग्वेश राठी को बैन को बताया गलत

सहवाग की नाराजगी

वीरेंद्र सहवाग: पूर्व भारतीय क्रिकेटर और वर्तमान कमेंटेटर वीरेंद्र सहवाग ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के एक निर्णय पर सवाल उठाए हैं। BCCI ने युवा खिलाड़ी दिग्वेश राठी को IPL के कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन करने पर एक मैच के लिए निलंबित किया है, जिसे सहवाग ने अनुचित और कठोर बताया। उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली के कुछ पुराने उदाहरणों का हवाला देते हुए BCCI के इस दोहरे मानदंड पर अपनी नाराजगी व्यक्त की।


दिग्वेश का विवाद

IPL 2025 के 61वें मैच में दिग्वेश राठी ने अभिषेक शर्मा के साथ बहस की थी। यह इस सीजन में उनका कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन करने का तीसरा मामला था, जिसके परिणामस्वरूप BCCI ने उन्हें एक मैच के लिए निलंबित कर दिया। सहवाग ने इस निर्णय को उचित नहीं माना।


धोनी और कोहली का संदर्भ

धोनी और कोहली का उदाहरण

सहवाग ने 2019 के IPL सीजन की एक घटना का जिक्र किया, जब धोनी मैदान पर अंपायरों से बहस करने के लिए अचानक आए थे। उस समय अंपायरों ने एक नो-बॉल के फैसले को बदला था, जिससे धोनी नाराज हो गए थे। लेकिन उन्हें इस हरकत के लिए कोई सजा नहीं मिली। सहवाग ने यह भी बताया कि विराट कोहली को कई बार अंपायरों से तीखी बहस करते देखा गया, लेकिन उन्हें भी बैन नहीं किया गया।


BCCI का नियम और दिग्वेश की स्थिति

BCCI का तर्क और दिग्वेश की गलती

BCCI के नियमों के अनुसार, यदि कोई खिलाड़ी एक सीजन में तीन बार कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन करता है, तो उसे निलंबन का सामना करना पड़ सकता है। दिग्वेश ने इस सीजन में तीन बार नियमों का उल्लंघन किया और तीन डिमेरिट पॉइंट्स प्राप्त किए, जिसके कारण उन पर एक मैच का प्रतिबंध लगा। वहीं, धोनी और कोहली ने अपने सीजन में ऐसा उल्लंघन बार-बार नहीं किया, इसलिए उन्हें बैन का सामना नहीं करना पड़ा।