वृंदावन में अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और चेतावनी सभा

अनिरुद्धाचार्य के विवादास्पद बयानों पर विरोध
मथुरा जिले के वृंदावन में प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के महिलाओं पर दिए गए विवादास्पद बयानों के खिलाफ व्यापक विरोध हो रहा है। उनके माफी मांगने के बावजूद, लोगों का गुस्सा कम नहीं हो रहा है। इस संदर्भ में, 7 अगस्त को वृंदावन के कैलाश नगर में श्रीबृजधर्माचार्य परिषद और श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास ने एक चेतावनी सभा का आयोजन किया। इस सभा में ब्रज के संतों और हिंदूवादी नेताओं ने एकजुट होकर अनिरुद्धाचार्य की गलत बयानबाजी की निंदा की और नारी शक्ति के अपमान को बर्दाश्त न करने की बात कही।
ब्रजवासी गलत बयानबाजी को बर्दाश्त नहीं करेंगे
सभा की अध्यक्षता कर रहे पंडित बिहारी लाल वशिष्ठ ने कहा, 'हम किसी का विरोध या अपमान नहीं करना चाहते, लेकिन जो लोग प्रसिद्धि और धन के नशे में गलत बयानबाजी करते हैं, उन्हें ब्रजवासी बर्दाश्त नहीं करेंगे।'
पंडित दिनेश फलाहारी ने कहा, 'ब्रज और वृंदावन की पवित्र भूमि में संत और भागवताचार्य हमेशा बाहर से आए और ब्रजवासियों ने उन्हें खुले दिल से अपनाया। इसके बाद भी अनिरुद्धाचार्य जैसे लोग ब्रज की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं, जो स्वीकार्य नहीं है।'
11 सदस्यीय कमेटी का गठन
सभा में अनिरुद्धाचार्य जैसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए 11 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। इस कमेटी में विभिन्न संत और नेता शामिल हैं, जैसे पुष्टिमार्गीय संत सुरेशाचार्य जी, धर्माचार्य परिषद के संयोजक राजेश पाठक, और अन्य प्रमुख सदस्य।
विरोध का कारण
अनिरुद्धाचार्य ने हाल ही में एक धार्मिक कार्यक्रम में कहा था कि '25 साल की कुछ अविवाहित लड़कियों का चरित्र ठीक नहीं होता और 14 साल की उम्र में शादी कर देनी चाहिए।' इस बयान से महिलाओं और समाज में भारी नाराजगी फैल गई। मथुरा बार एसोसिएशन की महिला वकीलों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किया और पुलिस में शिकायत दर्ज की। सोशल मीडिया पर भी उनकी आलोचना हो रही है। हालांकि, अनिरुद्धाचार्य ने माफी मांगी और कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया, लेकिन लोगों का गुस्सा अभी तक कम नहीं हुआ है।
कार्रवाई की मांग
चेतावनी सभा में संतों और नेताओं ने स्पष्ट किया कि ब्रज की पवित्रता और नारी शक्ति का सम्मान सर्वोपरि है। 11 सदस्यीय कमेटी अब अनिरुद्धाचार्य और अन्य के खिलाफ कार्रवाई की रणनीति बनाएगी। समाजवादी पार्टी के सांसद राजीव राय और शिवसेना नेत्री प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इस मामले में कार्रवाई की मांग की है। स्थानीय लोगों और संगठनों का कहना है कि ऐसे बयान समाज में गलत सोच को बढ़ावा देते हैं और इनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।