वृंदावन में श्रद्धालु महिला का पर्स छीनने वाला बंदर, 20 लाख के आभूषण सुरक्षित लौटाए गए
वृंदावन में अजीब घटना
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के वृंदावन में एक अनोखी घटना हुई, जहां एक बंदर ने एक श्रद्धालु महिला का पर्स चुरा लिया। यह पर्स साधारण सामान से भरा नहीं था, बल्कि इसमें लगभग 20 लाख रुपये के सोने-चांदी के आभूषण थे। यह घटना प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के निकट हुई, जब श्रद्धालु दर्शन करके लौट रहे थे।
परिवार की घबराहट
अलीगढ़ के निवासी अभिषेक अग्रवाल अपने परिवार के साथ वृंदावन आए थे। जैसे ही वे मंदिर से लौटे, अचानक एक बंदर ने उनकी पत्नी के हाथ से पर्स झपट लिया। इस अप्रत्याशित घटना से परिवार में हड़कंप मच गया और उन्होंने स्थानीय लोगों से मदद मांगी। लेकिन कई प्रयासों के बावजूद कोई भी बंदर के पास नहीं पहुंच सका।
पुलिस की मदद से पर्स की बरामदगी
पुलिस की मदद से मिला पर्स
अभिषेक ने अंततः पुलिस को सूचित किया। पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और इलाके की खोजबीन शुरू की। कई घंटों की मेहनत के बाद, एक झाड़ी से पर्स को बरामद किया गया। सदर क्षेत्राधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि "पुलिस की त्वरित कार्रवाई के कारण पर्स सुरक्षित वापस मिला। इसमें रखे सभी कीमती आभूषण सुरक्षित थे और परिवार को सौंप दिए गए।"
बंदरों की शरारतें
वृंदावन में बंदरों की शरारत आम बात
यह पहली बार नहीं है जब वृंदावन में बंदरों ने श्रद्धालुओं को परेशान किया हो। पहले भी कई बार रिपोर्ट्स में देखा गया है कि बंदर यहां लोगों से चश्मा, मोबाइल, पर्स और यहां तक कि प्रसाद तक छीन लेते हैं।
एक और चौंकाने वाली घटना
सैमसंग S25 अल्ट्रा बनाम फ्रूटी की सौदेबाज़ी
मार्च 2025 में एक और अजीब घटना सामने आई थी, जिसमें एक बंदर ने एक श्रद्धालु का महंगा स्मार्टफोन – सैमसंग S25 अल्ट्रा – छीन लिया। उसे वापस पाने के प्रयास में लोग मैंगो ड्रिंक (फ्रूटी) के पैकेट ऊपर फेंकने लगे। वीडियो में दिखा कि जैसे ही एक फ्रूटी का पैकेट सही निशाने पर पहुंचा, बंदर ने फोन नीचे फेंक दिया और पैकेट को पकड़ लिया। यह वाकया सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।
स्थानीय प्रशासन की चिंता
प्रशासन के लिए चिंता की बात
वृंदावन जैसे धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर लगातार हो रही ऐसी घटनाएं अब स्थानीय प्रशासन और वन विभाग के लिए चुनौती बनती जा रही हैं। श्रद्धालु जहां दर्शन के लिए आते हैं, वहीं बंदरों की शरारतें कभी उनके लिए खतरा बन जाती हैं तो कभी हास्य का विषय।
