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वेदांता लिमिटेड को मिली बड़ी कानूनी राहत, डिमर्जर योजना को मिली मंजूरी

वेदांता लिमिटेड को एनसीएलटी से डिमर्जर योजना की मंजूरी मिली है, जिससे कंपनी के शेयरों में तेजी आई है। यह निर्णय कई नियामकीय बाधाओं के बाद आया है, और इसके पीछे कंपनी के तीन प्रमुख लक्ष्य हैं। जानें इस फैसले का महत्व, मंत्रालय की आपत्तियां, और भविष्य की संभावनाएं।
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वेदांता लिमिटेड को मिली बड़ी कानूनी राहत, डिमर्जर योजना को मिली मंजूरी

कानूनी राहत का महत्व

अनिल अग्रवाल के नेतृत्व में वेदांता लिमिटेड को एक महत्वपूर्ण कानूनी राहत मिली है। एनसीएलटी की मुंबई बेंच ने कंपनी की डिमर्जर योजना को स्वीकृति दे दी है। इस निर्णय के बाद, मंगलवार को शेयर बाजार में वेदांता के शेयरों में चार प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई।


फैसले का महत्व

यह मंजूरी उस समय आई है जब कंपनी का डिमर्जर कई नियामकीय बाधाओं में फंसा हुआ था। पिछले नवंबर में हुई सुनवाई के दौरान पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की आपत्तियों के कारण ट्रिब्यूनल ने निर्णय को सुरक्षित रखा था। अब, अंतिम स्वीकृति मिलने से कंपनी की पुनर्गठन योजना को आगे बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया है।


मंत्रालय की आपत्तियां

सुनवाई के दौरान, पेट्रोलियम मंत्रालय ने डिमर्जर पर कई सवाल उठाए थे। मंत्रालय का कहना था कि डिमर्जर के बाद वित्तीय जोखिम बढ़ सकता है, हाइड्रोकार्बन संपत्तियों का सही मूल्यांकन नहीं किया गया है, और कंपनी की देनदारियों का पूरा विवरण प्रस्तुत नहीं किया गया। इन आपत्तियों के कारण प्रक्रिया कुछ समय के लिए रुक गई थी।


वेदांता की सफाई

वेदांता प्रबंधन ने ट्रिब्यूनल को बताया कि डिमर्जर योजना में आवश्यक संशोधन किए गए हैं और सेबी से पहले ही आवश्यक मंजूरी प्राप्त हो चुकी है। कंपनी के वकीलों ने यह भी तर्क दिया कि सभी नियमों का पालन किया गया है।


डिमर्जर योजना का खाका

वेदांता ग्रुप ने 2023 में इस डिमर्जर की घोषणा की थी। योजना के अनुसार, कंपनी को पांच अलग-अलग सूचीबद्ध इकाइयों में विभाजित किया जाएगा। प्रस्तावित कंपनियों में वेदांता एल्युमीनियम, वेदांता ऑयल एंड गैस, वेदांता पावर, और वेदांता आयरन एंड स्टील शामिल हैं।


कंपनी के उद्देश्य

कंपनी का कहना है कि डिमर्जर के पीछे तीन प्रमुख लक्ष्य हैं: कर्ज का बोझ कम करना, हर बिजनेस को स्वतंत्र रूप से बढ़ने का अवसर देना, और शेयरधारकों के लिए दीर्घकालिक मूल्य बनाना।


ब्रोकरेज हाउस की राय

ब्रोकरेज फर्म नुवामा रिसर्च का मानना है कि यह डिमर्जर निवेशकों के लिए मूल्य को अनलॉक कर सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, डिमर्जर के बाद वेदांता का उचित मूल्य लगभग 686 रुपये प्रति शेयर तक पहुंच सकता है।


शेयर बाजार में प्रभाव

एनसीएलटी के निर्णय का तात्कालिक प्रभाव बाजार में देखा गया। दिन के कारोबार में शेयर 573 रुपये तक पहुंचा और अंत में 569.35 रुपये पर बंद हुआ, जो कि 3.52 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।


भविष्य की संभावनाएं

अब बाजार की नजर इस बात पर होगी कि डिमर्जर की प्रक्रिया कितनी जल्दी पूरी होती है और नई कंपनियों की लिस्टिंग का समय क्या रहेगा। विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले महीनों में वेदांता से जुड़े शेयर निवेशकों के लिए चर्चा में बने रह सकते हैं।