वॉरेन बफे को क्राफ्ट हेंज में भारी नुकसान, 31,600 करोड़ रुपये का घाटा

वॉरेन बफे का बड़ा निवेश नुकसान में
न्यूयॉर्क: 'शेयर बाजार के जादूगर' वॉरेन बफे, जिन्हें दुनिया के सबसे बड़े निवेशक के रूप में जाना जाता है, को हाल ही में एक निवेश पर बड़ा नुकसान हुआ है। उनकी कंपनी बर्कशायर हैथवे (Berkshire Hathaway) को सॉस और फूड प्रोडक्ट्स बनाने वाली प्रमुख कंपनी क्राफ्ट हेंज (Kraft Heinz) में किए गए निवेश पर लगभग 31,600 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है।
यह जानकारी बर्कशायर हैथवे द्वारा जारी की गई इस वर्ष की दूसरी तिमाही के परिणामों में सामने आई है। कंपनी के मुनाफे में कमी का एक प्रमुख कारण क्राफ्ट हेंज के शेयरों में निरंतर गिरावट है। पिछले दो वर्षों में बर्कशायर की इस कंपनी में हिस्सेदारी लगातार घटती जा रही है। जून तिमाही के अंत तक, क्राफ्ट हेंज में बर्कशायर की हिस्सेदारी का मूल्य घटकर 8.4 बिलियन डॉलर रह गया है।
निवेश जो लगातार घाटा दे रहा है
आमतौर पर, वॉरेन बफे जिन कंपनियों में निवेश करते हैं, वे लाभ कमाती हैं, लेकिन क्राफ्ट हेंज का मामला इसके विपरीत है। 2015 में क्राफ्ट और हेंज के विलय में बर्कशायर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उसकी कंपनी में 27% से अधिक की हिस्सेदारी है। लेकिन विलय के बाद से कंपनी के शेयरों में गिरावट आई है। जबकि अमेरिकी इंडेक्स S&P 500 में 202 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, वहीं क्राफ्ट हेंज का शेयर अब तक 62 प्रतिशत तक गिर चुका है।
क्राफ्ट हेंज की विफलता के कारण
इस प्रमुख खाद्य कंपनी के खराब प्रदर्शन का मुख्य कारण उपभोक्ताओं की बदलती खान-पान की आदतें हैं। ग्राहक अब प्रोसेस्ड फूड के बजाय हेल्दी और प्राइवेट ब्रांड्स के उत्पादों की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे क्राफ्ट हेंज के उत्पादों की मांग में कमी आई है। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस वर्ष की शुरुआत में बर्कशायर हैथवे के प्रतिनिधियों ने क्राफ्ट हेंज के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था। अब क्राफ्ट हेंज अपने कुछ ब्रांड्स को बेचने या कंपनी से अलग करने पर विचार कर रही है।