वॉशिंगटन सुंदर का पहला टेस्ट शतक, भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ ड्रॉ किया मैच

भारत की शानदार वापसी
मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में खेले गए चौथे टेस्ट के अंतिम दिन, भारतीय क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ एक शानदार वापसी करते हुए मैच को ड्रॉ पर समाप्त किया। इस वापसी का मुख्य कारण ऑलराउंडर वॉशिंगटन सुंदर का बल्ले से बेहतरीन प्रदर्शन रहा, जिन्होंने अपने टेस्ट करियर का पहला शतक लगाया और टीम को संकट से बाहर निकाला। यह पारी न केवल उनके लिए, बल्कि भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए भी एक यादगार क्षण बन गई।
सुंदर का महत्वपूर्ण योगदान
ऋषभ पंत की अनुपस्थिति में, टीम प्रबंधन ने वॉशिंगटन सुंदर को पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजने का निर्णय लिया। जब सुंदर बल्लेबाजी करने आए, तब भारत का स्कोर 188 पर 3 विकेट था और टीम दबाव में थी। लेकिन सुंदर ने धैर्य और समझदारी से खेलते हुए शुभमन गिल के साथ पारी को संभाला। गिल के आउट होने के बाद, उन्होंने रवींद्र जडेजा के साथ मिलकर इंग्लैंड पर दबाव बनाना शुरू किया।
चार साल बाद आया पहला टेस्ट शतक
सुंदर का ऐतिहासिक शतक
सुंदर ने इस पारी में 206 गेंदों में नाबाद 101 रन बनाए, जिसमें 9 चौके और 1 छक्का शामिल था। यह उनके टेस्ट करियर का पहला शतक था, जिसके लिए उन्होंने चार साल का लंबा इंतजार किया। इससे पहले, उन्होंने मार्च 2021 में इंग्लैंड के खिलाफ 96 रन की पारी खेली थी, लेकिन शतक से चूक गए थे। इस बार उन्होंने कोई गलती नहीं की और टीम को मजबूती से आगे बढ़ाया।
जडेजा के साथ ऐतिहासिक साझेदारी
203 रन की नाबाद साझेदारी
वॉशिंगटन सुंदर और रवींद्र जडेजा के बीच 203 रन की नाबाद साझेदारी हुई, जो उन्होंने 334 गेंदों में बनाई। इस साझेदारी की खासियत यह थी कि दोनों बल्लेबाजों ने दो से अधिक सेशन तक टिककर बल्लेबाजी की और एक भी विकेट नहीं गंवाया। इस दौरान जडेजा ने भी शतक बनाया और दोनों ने इंग्लैंड की पहली पारी की 311 रन की बढ़त को समाप्त कर भारत को बढ़त दिलाई।
रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज
वॉशिंगटन सुंदर का ऐतिहासिक शतक
अपने पहले टेस्ट शतक के साथ, वॉशिंगटन सुंदर 26वें भारतीय बन गए हैं जिन्होंने SENA देशों (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया) में अपना पहला टेस्ट शतक बनाया। इसके अलावा, वह भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में शतक लगाने वाले 70वें खिलाड़ी भी बने। उनकी यह पारी न केवल तकनीकी रूप से मजबूत थी, बल्कि मानसिक दृढ़ता और जिम्मेदारी का भी उदाहरण पेश करती है।