शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती का हिंदू राष्ट्र पर बड़ा बयान
शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने हाल ही में हिंदू राष्ट्र के निर्माण को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने महाकुंभ के दौरान कहा कि यह संकल्प अवश्य साकार होगा। जब उनसे पूछा गया कि भारत कब तक हिंदू राष्ट्र बनेगा, तो उन्होंने कहा कि हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश का भी उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने हिंदू संस्कृति और विज्ञान की महत्ता पर जोर दिया। जानें उनके विचार और इस विषय पर उनके पूर्व के बयानों के बारे में।
Jul 8, 2025, 01:23 IST
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शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती का बयान
शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती: हाल ही में, कुछ राज्यों में हिंदी भाषा को लेकर विवाद चल रहा है, वहीं शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने भारत के हिंदू राष्ट्र बनने के विषय में महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। महाकुंभ के दौरान उन्होंने कहा था कि हिंदू राष्ट्र का संकल्प अवश्य पूरा होगा, जो बाद में चर्चा का विषय बना। जब उनसे पूछा गया कि भारत कब तक हिंदू राष्ट्र बनेगा, तो उन्होंने उत्तर दिया कि हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
हम उसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं
शंकराचार्य निश्चलानंद ने हिंदू राष्ट्र के संदर्भ में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी उल्लेख किया। शुभंकर मिश्रा के पॉडकास्ट में एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “हम उसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। क्या मोदी जी हिंदू राष्ट्र का खंडन करते हैं? दुनिया के 54-55 देशों में हिंदू रहते हैं, उनके सभी पूर्वज सनातनी थे। ईसा मसीह के पूर्वज कौन थे? गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि उनके पूर्वज कश्मीरी पंडित थे।”
जॉर्ज बुश का उल्लेख
शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने अपने बयान में जॉर्ज बुश का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हिंदुओं के विज्ञान, ज्ञान और कला से कोई भी आगे नहीं निकल सकता। बुश ने कहा था कि मैं ईसाई हूं और बाइबिल को मानता हूं, लेकिन बाइबिल में सृष्टि के बारे में जो जानकारी है, उसे आधुनिक विज्ञान तुच्छ मानता है। मंदिरों में वीआईपी दर्शन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह मंदिर का नहीं, बल्कि प्रबंधन का दोष है।
हिंदू राष्ट्र पर पूर्व के बयान
शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने हिंदू राष्ट्र के विषय में पहले भी कई बार अपने विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने कहा है कि भारत सनातनियों का देश है और सनातन ने वैज्ञानिकों का मार्गदर्शन किया है। उनका मानना है कि हिंदू धर्म के शास्त्रों में जो लिखा है, उसका खंडन नहीं किया जा सकता।