शरद पवार ने राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों का समर्थन किया

शरद पवार का राहुल गांधी के आरोपों पर समर्थन
शरद पवार ने राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों का समर्थन किया: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हाल ही में चुनाव आयोग पर कई चुनावों में धांधली और 'वोट चोरी' का गंभीर आरोप लगाया है। इस आरोप के बाद देश की राजनीति में हलचल मच गई है। जहां एक ओर चुनाव आयोग और भाजपा के नेता राहुल की आलोचना कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्षी दलों के नेता उनके साथ खड़े हैं। इसी संदर्भ में एनसीपी-एसपी प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को राहुल के प्रेजेंटेशन की सराहना की और चुनाव आयोग की आलोचना की कि उन्हें अलग हलफनामा मांगने की आवश्यकता नहीं है। इस दौरान उन्होंने एक महत्वपूर्ण दावा भी किया।
शनिवार को नागपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनसीपी-एसपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले दो व्यक्तियों ने उनसे संपर्क किया था और दावा किया था कि वे 288 में से 160 सीटें सुनिश्चित कर सकते हैं। पवार ने बताया कि उन्होंने इन व्यक्तियों और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बीच एक बैठक आयोजित की थी, लेकिन दोनों नेताओं ने यह कहते हुए प्रस्ताव को ठुकरा दिया कि 'यह हमारा तरीका नहीं है।' पवार ने कहा, 'हमने इस पर उतना ध्यान नहीं दिया जितना शायद ज़रूरी था। लेकिन मुझे आज भी याद है - विधानसभा चुनावों की घोषणा से पहले, दो लोग दिल्ली में मुझसे मिलने आए थे। उन्होंने मुझसे कहा था कि महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटें हैं, और उनमें से वे हमें 160 सीटों की गारंटी देंगे। मुझे हैरानी हुई। साफ़ कहूं तो, भले ही उन्होंने ऐसी गारंटी का दावा किया हो, मुझे चुनाव आयोग पर कोई शक नहीं था। लेकिन ऐसे लोग आते ही रहते हैं, इसलिए मैंने उन्हें नज़रअंदाज़ कर दिया।'
पवार ने आगे कहा, 'चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है। राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने संसद में शपथ ले ली है, इसलिए अलग से हलफनामे की कोई ज़रूरत नहीं है। अगर चुनाव आयोग फिर भी इस बात पर अड़ा रहता है, तो यह ठीक नहीं है। राहुल गांधी के आरोपों की गहराई से जाँच होनी चाहिए। सच्चाई सामने आनी चाहिए। मेरा बस इतना कहना है कि आपत्ति चुनाव आयोग को लेकर थी। फिर भाजपा नेताओं या मुख्यमंत्री को जवाब देने की क्या ज़रूरत है? हमें चुनाव आयोग से जवाब चाहिए, भाजपा से नहीं।'