शशि थरूर ने कहा, 'भारत को तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की आवश्यकता नहीं'

कांग्रेस नेता शशि थरूर का बयान
वाशिंगटन डीसी: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने हाल ही में राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी पर लगाए गए 'सरेंडर' के आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि भारत को किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की आवश्यकता नहीं है। थरूर इस समय अमेरिका में भारत के आउटरिच मिशन का नेतृत्व कर रहे हैं।
थरूर का स्पष्ट बयान: एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब थरूर से अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कथित मध्यस्थता के प्रयासों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "हमने कभी किसी से मध्यस्थता के लिए नहीं कहा।" उन्होंने यह भी कहा, "यदि पाकिस्तान आतंकवादी ढांचे को समाप्त करना चाहता है और भारत के साथ सामान्य संबंध बनाना चाहता है, तो हम बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके लिए किसी मध्यस्थ की आवश्यकता नहीं है।"
राहुल गांधी के आरोप: थरूर का यह बयान राहुल गांधी के हालिया आरोपों के संदर्भ में आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि "ट्रंप का एक फोन आया और नरेंद्र मोदी जी ने तुरंत सरेंडर कर दिया।" उन्होंने यह टिप्पणी पार्टी के 'संगठन सृजन अभियान' के शुभारंभ पर की थी।
इतिहास का संदर्भ: राहुल गांधी ने 1971 के भारत-पाक युद्ध का उल्लेख करते हुए कहा कि उस समय अमेरिका ने अपना सातवां बेड़ा भेजा था, लेकिन इंदिरा गांधी ने झुकने से इनकार कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि गांधी, नेहरू और पटेल ने कभी आत्मसमर्पण नहीं किया।
कांग्रेस की ताकत: राहुल ने भाजपा-आरएसएस पर तंज करते हुए कहा कि उन्हें स्वतंत्रता के बाद से ही 'समर्पण पत्र' लिखने की आदत रही है। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा-आरएसएस के लोग थोड़े से दबाव में डर जाते हैं। कांग्रेस को 'बब्बर शेर और शेरनियों' की पार्टी बताते हुए उन्होंने कहा कि यह पार्टी 'सुपरपावर' से भी नहीं डरती।
इन दोनों नेताओं की टिप्पणियों ने भारत की विदेश नीति, राष्ट्रीय सुरक्षा और राजनीतिक बहस को लेकर एक नई चर्चा को जन्म दिया है। जहां राहुल गांधी सरकार पर झुकने का आरोप लगा रहे हैं, वहीं शशि थरूर भारत की संप्रभुता और आत्मनिर्भर विदेश नीति की बात कर रहे हैं।