शहडोल में मानसून की तबाही: अस्पताल और रेलवे ट्रैक जलमग्न

शहडोल में बारिश का कहर
MP News: मानसून केवल पहाड़ी क्षेत्रों में ही नहीं, बल्कि मैदानी इलाकों में भी तबाही मचा रहा है। मध्य प्रदेश के शहडोल में पिछले दो दिनों से हो रही लगातार बारिश ने जनजीवन को संकट में डाल दिया है। भारी बारिश के कारण नदियाँ और नाले उफान पर हैं, जिससे शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। सबसे गंभीर स्थिति कुशाभाऊ ठाकरे जिला अस्पताल की है, जहाँ वार्डों में पानी भर गया है, जिसके चलते मरीजों को अन्य वार्डों में स्थानांतरित करना पड़ा है।
रेलवे स्टेशन पर पानी का असर
पूल बना ट्रैक
शहडोल रेलवे स्टेशन भी बारिश से प्रभावित है। प्लेटफार्म के आसपास की रेल पटरियों पर पानी भर गया है, जिससे ट्रेनों की आवाजाही में बाधा उत्पन्न हो रही है। रेलवे प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए है, लेकिन राहत कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ है।
आपातकालीन सेवाओं में बाधा
इमरजेंसी सेवा भी रही बाधित
कुशाभाऊ ठाकरे जिला अस्पताल में जलभराव के कारण आपातकालीन सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं। स्ट्रेचर पानी में फंस गए हैं और स्टाफ की स्थिति भी चिंताजनक है। अस्पताल की यह स्थिति व्यवस्था की खामियों को उजागर कर रही है।
प्रशासनिक लापरवाही का सवाल
हर बार यही स्थिति, फिर भी कोई उपाय नहीं
शहडोल में जलभराव की स्थिति प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाती है। यह सवाल उठता है कि हर साल बारिश में ऐसा ही हाल क्यों होता है और इससे निपटने के लिए पूर्व तैयारी क्यों नहीं की जाती? स्थिति गंभीर है और प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। यदि प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई नहीं की, तो हालात और भी बिगड़ सकते हैं।
खूंटा नदी का उफान
उफान पर आई खूंटा नदी
शहडोल के जैतपुर क्षेत्र में खूंटा नदी उफान पर है। इसका जलस्तर इतना बढ़ गया है कि पुल 3 फीट नीचे चला गया है, जिससे लोगों का आवागमन ठप हो गया है। लोगों की सुरक्षा के लिए पुलिस तैनात की गई है। यह पुल पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ को जोड़ता है।
जीआरपी थाना जलमग्न
डूबा जीआरपी थाना, जलमग्न हुए दस्तावेज और कंप्यूटर सिस्टम
शहडोल रेलवे स्टेशन परिसर में स्थित जीआरपी थाना पूरी तरह जलमग्न हो गया है। थाने के भीतर पानी भर जाने से महत्वपूर्ण दस्तावेज, कंप्यूटर और रिकॉर्ड फाइलें डूब गई हैं। थाने का कार्य पूरी तरह ठप हो गया है, और रेलवे पुलिसकर्मी बाल्टी और मग्गे लेकर पानी निकालने में जुटे हैं।