शहबाज शरीफ की अमेरिका यात्रा: क्या है इस मुलाकात का महत्व?

शहबाज शरीफ की अमेरिका यात्रा
Shahbaz Sharif US visit: पाकिस्तान की शीर्ष नेतृत्व ने तीन महीने बाद फिर से अमेरिका का दौरा किया। इस बार प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने 25 सितंबर 2025 को ओवल ऑफिस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। इससे पहले, 18 जून 2025 को फील्ड मार्शल मुनीर ने ट्रंप से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की थी। इस बार यह एक औपचारिक द्विपक्षीय बैठक थी।
ओवल ऑफिस में मुलाकात की विशेषताएं
बैठक का समय शाम 4:30 बजे निर्धारित था, लेकिन ट्रंप की आदत के अनुसार, शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर को आधे घंटे से अधिक इंतजार करना पड़ा। इस दौरान ट्रंप पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे और उन्होंने कहा कि दोनों नेता अंदर उनका इंतजार कर रहे हैं। बैठक में अमेरिका के उप राष्ट्रपति जेडी वांस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो भी शामिल थे।
मीडिया और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तानी मीडिया और थिंक टैंक इस बैठक को भारत के दृष्टिकोण से देख रहे हैं। पाकिस्तान इसे दक्षिण एशिया में अपनी शक्ति का केंद्र मान रहा है। बैठक के बाद जारी तस्वीरों में शहबाज शरीफ और फील्ड मार्शल मुनीर बातचीत करते हुए नजर आए, जबकि ट्रंप मुस्कुराते रहे। ओवल ऑफिस का प्रेस के लिए बंद रहना ट्रंप की पिछली आदतों से भिन्न था, क्योंकि आमतौर पर वह राष्ट्रपति स्तर की मुलाकातों में मीडिया को शामिल करते हैं।
बैठक का समय
बैठक लगभग एक घंटे 20 मिनट तक चली। डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, तस्वीरों में शहबाज और मुनीर सोने से मढ़े फर्नीचर पर धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करते दिखे। जब अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो कमरे में आए, तो दोनों नेताओं ने उनका उत्साहपूर्वक स्वागत किया।
शहबाज शरीफ और ट्रंप की द्विपक्षीय बैठक
यह शहबाज शरीफ की पहली औपचारिक द्विपक्षीय बैठक थी, जो पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के 2019 में ट्रंप से मुलाकात के छह साल बाद हुई। इस बैठक ने पाकिस्तान और अमेरिका के बीच कूटनीतिक संबंधों को नया आयाम दिया।
ट्रंप का रवैया और बयान
मुलाकात के दौरान ट्रंप ने मीडिया से कहा कि वे रूस और पुतिन की गतिविधियों से असंतुष्ट हैं। उन्होंने शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर की सराहना की और कहा कि दोनों बहुत महान नेता हैं। उन्होंने बैठक के महत्व और पाकिस्तान-अमेरिका संबंधों पर जोर दिया।
वैश्विक और क्षेत्रीय प्रभाव
यह बैठक वैश्विक राजनीति में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। पाकिस्तान इसे सकारात्मक दिशा में ले जाना चाहता है, जबकि अमेरिका का उद्देश्य दक्षिण एशिया में रणनीतिक संतुलन बनाए रखना है। मुलाकात ने ऊर्जा, सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दों पर बातचीत को भी गति दी।