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शाहजहांपुर में ट्रेन दुर्घटना: गरीब रथ ट्रेन की चपेट में आए पांच लोगों की मौत

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक दर्दनाक ट्रेन दुर्घटना में एक ही परिवार के चार सदस्यों सहित कुल पांच लोगों की जान चली गई। यह हादसा मानव रहित क्रॉसिंग पर हुआ, जब परिवार एक बाइक पर सवार होकर रेलवे ट्रैक पार कर रहा था। तेज रफ्तार से आ रही गरीब रथ ट्रेन ने उन्हें चपेट में ले लिया, जिससे सभी की मौके पर ही मौत हो गई। जानें इस घटना के बारे में और अधिक जानकारी।
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दुर्घटना का विवरण


शाहजहांपुर में मानव रहित क्रॉसिंग पर हुआ हादसा, एक ही परिवार के चार सदस्य शामिल


उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में गरीब रथ ट्रेन की चपेट में आने से एक दंपति और उनके दो बच्चों सहित कुल पांच लोगों की जान चली गई। इस दुर्घटना में एक अन्य युवक की भी मौत हुई। यह घटना बरेली-रोजा रेलखंड पर रोजा जंक्शन के पास मानव रहित क्रॉसिंग पर हुई।


दंपति और उनके बच्चे एक बाइक पर सवार थे। जब वे पावर केबिन के सामने स्थित मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग पर पहुंचे, तो उन्होंने जल्दी में क्रॉसिंग पार करने की कोशिश की, लेकिन ट्रेन की दूरी का सही अंदाजा नहीं लगा पाए और उसकी चपेट में आ गए। हादसे के बाद उनकी बाइक ट्रेन के इंजन में फंसकर लगभग 200 मीटर तक घिसटती चली गई।


इस दुर्घटना में चारों लोगों के शरीर बुरी तरह से कट गए और शवों के टुकड़े दूर-दूर तक बिखर गए।


मृतकों की पहचान

यह हादसा बरेली से लखनऊ की ओर जा रही 12204 सहरसा-अमृतसर गरीब रथ ट्रेन के आने से हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रेन रोजा स्टेशन के आउटर पर पहुंच रही थी। लखीमपुर खीरी जिले के थाना उचौलिया क्षेत्र के गांव बनका निवासी हरिओम (26) और शाहजहांपुर के विक्रमपुर चकौरा निवासी उनके साढ़ू सेठपाल (32), पत्नी पूजा (26) और उनके दो बच्चे निधि (4) और सूर्या (1.5) एक ही बाइक पर रेलवे ट्रैक पार कर रहे थे।


जब वे चार नंबर लाइन पर पहुंचे, तो उनकी बाइक अचानक बंद हो गई। तभी तेज रफ्तार से आ रही गरीब रथ ट्रेन ने बाइक को चपेट में ले लिया। टक्कर इतनी भयंकर थी कि सभी की मौके पर ही मौत हो गई। जीआरपी ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजकर मामले की जांच शुरू कर दी।


परिवार की यात्रा

बताया जा रहा है कि मजदूरी करने वाले हरिओम बुधवार दोपहर को रोजा की मठिया कॉलोनी में अपने पिता लालाराम के घर आए थे। शाम को सभी लोग लखीमपुर खीरी स्थित अपने गांव लौट रहे थे। समय बचाने के चक्कर में उन्होंने मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग से गुजरने का रास्ता चुना, जो उनके लिए अंतिम यात्रा बन गई। हादसे के बाद लोको पायलट ने ट्रेन रोककर इंजन में फंसे बाइक के हिस्सों को बाहर निकाला। लगभग 30 मिनट बाद ट्रेन को आगे के लिए रवाना किया जा सका।