शाहजहांपुर में नवागत एसडीएम ने दिखाई जिम्मेदारी, उठक-बैठक से किया अनुशासन का पालन

शासन की कार्यशैली पर सवाल
आम जनता अक्सर शासन-प्रशासन की कार्यशैली से असंतुष्ट रहती है, लेकिन जब कोई अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए जनता के बीच उदाहरण प्रस्तुत करता है, तो वह चर्चा का विषय बन जाता है। ऐसा ही एक उदाहरण शाहजहांपुर के पुवायां तहसील में देखने को मिला, जहां नवागत एसडीएम रिंकू सिंह राही ने अपने पहले दिन ही स्वच्छता के प्रति अपनी जिम्मेदारी को स्वीकार किया और सभी को चौंका दिया।
खुले में पेशाब करने पर कड़ी कार्रवाई
मंगलवार को जब एसडीएम तहसील का निरीक्षण कर रहे थे, तब उन्होंने एक वकील के मुंशी को दीवार के पास खुले में पेशाब करते हुए देखा। इस पर उन्होंने उसे कड़ी फटकार लगाई और कहा कि जब शौचालय उपलब्ध हैं, तो खुले में गंदगी फैलाने का कोई कारण नहीं है। उन्होंने तुरंत मुंशी को कान पकड़कर उठक-बैठक करने के लिए कहा, जिससे तहसील परिसर में अनुशासन का संदेश गया।
वकीलों का विरोध
वकीलों ने जताया विरोध
इस घटना के बाद कुछ वकीलों ने विरोध किया और कहा कि शौचालय की स्थिति बहुत खराब है, जिससे उन्हें मजबूरी में बाहर पेशाब करना पड़ता है। इस पर एसडीएम ने बिना किसी हिचकिचाहट के अपनी जिम्मेदारी स्वीकार की और कहा कि यदि शौचालय गंदे हैं, तो यह प्रशासन की लापरवाही है। उन्होंने खुद भी कान पकड़कर उठक-बैठक लगाई, जो उनकी इंसानियत और जिम्मेदारी का प्रतीक बन गया।
संवेदनशीलता का परिचय
निरीक्षण के दौरान दिखाई संवेदनशीलता
एसडीएम रिंकू सिंह ने तहसील के सभी कार्यालयों का निरीक्षण किया और कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि शासन की मंशा के अनुसार ईमानदारी से कार्य करें। निरीक्षण के दौरान उन्होंने एक बच्ची को परिसर में घूमते देखा और उसकी पढ़ाई को लेकर चिंता जताई। उन्होंने बच्ची के माता-पिता को बुलाकर कहा कि बच्ची को स्कूल भेजना अनिवार्य है।
ग्रामीणों से सीधा संवाद
गांव से सीधे संवाद की पहल
एसडीएम ने मीडिया से बातचीत में बताया कि अब गांव-गांव में व्हाट्सएप ग्रुप बनाए जाएंगे, जिनके माध्यम से ग्रामीण अपनी समस्याएं सीधे प्रशासन तक पहुंचा सकेंगे। समाधान होने पर उसी ग्रुप में जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी रिश्वत मांगता है, तो ग्रामीण उसका स्टिंग कर वीडियो भेज सकते हैं, जिस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, सरकार की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए युवा स्वयंसेवकों की टीम भी बनाई जाएगी।