शाहिद अफरीदी ने मोदी सरकार पर लगाया धार्मिक राजनीति का आरोप, राहुल गांधी की की तारीफ

धार्मिक विभाजन की राजनीति का आरोप
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने हाल ही में भारत की मोदी सरकार पर हिंदू-मुस्लिम कार्ड खेलने का आरोप लगाया है। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार धार्मिक विभाजन की राजनीति का सहारा लेकर सत्ता में आई है। अफरीदी ने इसे घटिया मानसिकता करार दिया और कहा कि भाजपा के शासन में यह राजनीति जारी रहेगी।
राहुल गांधी की सकारात्मक सोच
राहुल गांधी की तारीफ
अफरीदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सोच की सराहना की। उनका मानना है कि राहुल गांधी संवाद और बातचीत के माध्यम से सभी से जुड़ना चाहते हैं और पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध स्थापित करना चाहते हैं। अफरीदी के अनुसार, जबकि भाजपा भारत को अगला इजराइल बनाने की कोशिश कर रही है, कांग्रेस नेता शांति की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
सीमा पार आतंकवाद पर चुप्पी
सीमा पार आतंकवाद की अनदेखी
अफरीदी की टिप्पणियों में पाकिस्तान के सीमा पार आतंकवाद के इतिहास को नजरअंदाज करने की कोशिश भी दिखती है। भारत की सरकार बार-बार कह चुकी है कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते। यह विडंबना है कि अफरीदी इस गंभीर मुद्दे को नजरअंदाज करते हुए केवल राजनीतिक बयानबाजी कर रहे हैं।
एशिया कप 2025 का विवाद
एशिया कप 2025 का विवाद
अफरीदी की ये टिप्पणियां एशिया कप 2025 के दौरान हुए एक विवाद के बाद आई हैं। इस टूर्नामेंट में भारत-पाकिस्तान के बीच ग्रुप मैच में भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया था। यह कदम अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए उठाया गया था, जिसमें 26 नागरिकों की मौत हुई थी। उस हमले के बाद देश में पाकिस्तान के साथ खेलने का विरोध काफी बढ़ गया था।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की प्रतिक्रिया
भारतीय खिलाड़ियों द्वारा हाथ मिलाने से इनकार करने पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने आईसीसी से मैच के रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट को हटाने की मांग की। शाहिद अफरीदी ने इस मांग का समर्थन करते हुए भारतीय टीम पर कोई खेल भावना नहीं दिखाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भारतीय खिलाड़ियों को ऊपर से निर्देश दिए गए थे कि वे पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ न मिलाएं।
आईसीसी का निर्णय
आईसीसी का फैसला
हालांकि, आईसीसी ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की पाइक्रॉफ्ट हटाने की मांग को खारिज कर दिया। इस निर्णय से पाकिस्तान की कोशिशें असफल साबित हुईं और अफरीदी की आलोचनाएं भी बेअसर रहीं।