शी जिनपिंग ने ब्रिक्स देशों से अमेरिका की व्यापार चुनौतियों का सामना करने की अपील की
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ब्रिक्स देशों से अमेरिका द्वारा उत्पन्न व्यापार चुनौतियों का सामूहिक उत्तर देने की अपील की है। उन्होंने एक खुली वैश्विक अर्थव्यवस्था की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि वर्तमान समय में दुनिया एक नाज़ुक मोड़ पर है। ब्रिक्स देशों को बहुपक्षवाद की रक्षा करने और सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता है। इस शिखर सम्मेलन में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी वैश्विक व्यापार प्रणाली की चुनौतियों पर चिंता व्यक्त की। जानें इस महत्वपूर्ण बैठक के बारे में और क्या कहा गया।
Sep 9, 2025, 16:10 IST
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ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शी जिनपिंग का संबोधन
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ब्रिक्स देशों से संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा उत्पन्न व्यापार चुनौतियों का सामूहिक उत्तर देने का आग्रह किया। उन्होंने एक खुली वैश्विक अर्थव्यवस्था की आवश्यकता पर जोर दिया। ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा द्वारा आयोजित ब्रिक्स समूह के आभासी शिखर सम्मेलन में, जिनपिंग ने कहा कि वाशिंगटन के टैरिफ युद्धों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को गंभीर रूप से प्रभावित किया है और अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों को कमजोर किया है। उन्होंने चेतावनी दी कि आधिपत्यवाद, एकतरफावाद और संरक्षणवाद तेजी से बढ़ रहे हैं। जिनपिंग ने कहा कि कुछ देशों द्वारा शुरू किए गए व्यापार और टैरिफ युद्धों का विश्व अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में दुनिया एक नाज़ुक मोड़ पर है।
ब्रिक्स देशों की एकजुटता की आवश्यकता
चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि ब्रिक्स देशों को, जो ग्लोबल साउथ की प्रमुख शक्ति हैं, बहुपक्षवाद की रक्षा करने और बहुपरकारी व्यापार प्रणाली को बनाए रखने के लिए खुलेपन, समावेशिता और जीत-जीत सहयोग की भावना को बनाए रखना चाहिए। जिनपिंग ने यह भी कहा कि समूह को एकजुट होकर व्यापार, वित्त, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अधिक सहयोगात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए अपनी क्षमताओं का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग जितना मजबूत होगा, बाहरी जोखिमों और चुनौतियों का सामना करने में उतना ही अधिक विश्वास होगा, जिससे बेहतर समाधान और परिणाम प्राप्त होंगे। उन्होंने आशा जताई कि ब्रिक्स बदलती अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों में सफल रहेगा।
जयशंकर का बयान
इस बैठक में, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिए बिना कहा कि वर्तमान वैश्विक स्थिति चिंता का विषय बन गई है। उन्होंने बताया कि विभिन्न वैश्विक चुनौतियों के सामने बहुपक्षीय प्रणाली विफल होती दिख रही है। उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार प्रणाली को खुले और निष्पक्ष दृष्टिकोण पर आधारित होना चाहिए। जयशंकर ने यह भी कहा कि बाधाओं को बढ़ाने और लेन-देन को कठिन बनाने से कोई लाभ नहीं होगा। व्यापार को हमेशा सुगम बनाना चाहिए।